Ghar mein Gau Mata palan ke labh
o हर घर में कम से कम एक गाय आवश्य पालनी चाहिए और वो भी नहीं होता तो दस घर मिलकर एक गाय का पालन करो।
o आजकल के लोग वो भी नहीं कर सकते तो हर घर में गौ सेवा के लिए दानपात्र लगाएँ और रोज कुछ ना कुछ धन उसमें डाल दिया करिए। हर महीने के अंत में किसी भी गौ सेवा संस्थान को ये दान दिया करें।
o रोज नारे लगाते हैं हम, गौ माता की रक्षा हो …. अधर्म का नाश हो पर गौ सेवा के नाम पर सब पीछे हट जाते हैं… भगवान ने हमें सब कुछ दिया है फिर भी हम एक गाय नहीं पाल सकते? क्यों?
o कोशिश कीजिए कि पैकेट का दूध घर में नहीं लें और दुध वाले से गौ माता का ही दूध खरीदें। घर घर देशी घी दही मक्खन आना चाहिए, पैकेट का नहीं। ऐसा करने से गौवंश बढ़ेगा।
o यज्ञों के दौरान गायों को चढ़ाव और विनिमय में अत्यंत महत्व था। किसी व्यक्ति के धन का आकलन उसकी गायों की संख्या द्वारा किया जाता था।
o भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के घर कोई धन दौलत नहीं चुराने गए। वो माखन चुराने जाया करते और गौ माता के लिए श्री जी ने अपने आप को माखनचोर कहलाना भी योग्य समझा।
o भगवान गोपियों के घरों में उनको भगाने के बाद भी आते थे, क्योंकि वहां गौ माता रहती थी। पर अगर गौ माता नहीं होती तो भगवान गोपियों के बुलाने पर भी घर में नहीं आते।
o गौ पालन में सहयोगी लोगों का भी पालन भगवान ही करते हैं बशर्ते वे अपने को प्रेम से, ईमानदारी से और भक्ति से इस कार्य में जोड़े।
o आज के समय के भाई माता बहनों की बात सुन लीजिए – कुत्ते की पूँछ सहलाना, उसको सैम्पू से नहलाना, उसकी पोटी साफ करना, उसके साथ किस्सिंग … आप जितना कुत्ते पर खर्च करते हो उसका 25 प्रतिशत ईमानदारी से गौ सेवा में लगा दीजिए।
o महाभारत के अनुशासन में कहा गया है कि गाय जहाँ बैठकर निर्भयतापूर्वक सांस लेती है, उस स्थान के समस्त पापों को खींच लेती है। इस प्रकार गौ के साथ साथ उस भूमि पर रहने वाले समस्त जीव पाप रहित होकर मृत्यु उपरान्त स्वर्गगामी होते हैं।
o जिस घर के वायव्य कोण में अथवा कहीं भी गाय का पालन किया जाता है, उस स्थान पर घर के समस्त वास्तुदोष स्वतः ही दूर हो जाते हैं।
o जिस घर में बछड़े सहित गाय रहती है, वहां सर्वार्थ कल्याण होता है तथा उस स्थान के समस्त वास्तु दोष दब जाते हैं।
o जिस घर में गाय के लिए पहली रोटी निकाली जाती है तथा गाय को दी जाती है वहां के निवासी हमेशा सुखी रहते हैं।
o जिस भूमि पर गाय को रविवार के दिन स्नान कराया जाता है, वहाँ लक्ष्मी का वास होता है तथा लक्ष्मी स्थिर रहती है, वहाँ के निवासी स्वस्थ एवं चैन से रहते हैं।
o जिस घर में गौमूत्र का यदा कदा छिड़काव किया जाता हो, वह घर लक्ष्मी से युक्त होता है।
o घर के किसी भी भाग में हमेशा गोबर लेपन करने से लक्ष्मी उस घर में सतत बनी रहती है।
o गाय को स्नान कराने वाले को कोटि-कोटि पुण्य प्राप्त होता है।
o आजकल लोग गौ माता को कुछ भी बचा-खुचा खाना देते हैं। याद रहे कि आपके घर के सामने गौ माता जो भी खाती है वो आपके पूर्वजों को मिलता है।
o गाय के दूध में स्वर्ण तत्व पाये जाते हैं। यह तत्व माँ के दूध के अतिरिक्त दुनिया के किसी भी पदार्थ में नहीं है।
o गाय के गोबर से प्रति वर्ष 4500 लीटर बायोगैस मिल सकता है।
o गाय द्वारा छोड़ी गयी शवास से सभी अद्रश्य एवं हानिकारक बैक्टेरिया मर जाते हैं। ये अंदर आक्सीजन लेती है लेकिन बाहर छोड़ती है जिसमें की प्रमाण ज्यादा है।
o गाय की सींग चन्द्रमा से आने वाली ऊर्जा को अवशोकशित कर शरीर को देते हैं। प्रतिदिन गाय के सींग पर हाथ फेरने से गुस्सा नहीं आता है।