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नहीं हुआ मुरथल में कोई रेप, हरयाणा पुलिस ने कोर्ट में दायर की स्टेटस रिपोर्ट

चंडीगढ : जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान लगे कथित मुरथल गैंगरेप के आरोपों पर हरयाणा पुलिस ने आज पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी स्टेटस रिपोर्ट दायर करते हुए इस तरह की किसी भी घटना के घटित न होने की रिपोर्ट दायर की है. स्टेटस रिपोर्ट न्यायमूर्ति एसके मित्तल और न्यायमूर्ति एचएस सिद्धू की पीठ के समक्ष दायर की गई.

Haryana Police suspect Murthal rape case family disputeहरयाणा पुलिस द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट में ‘सोनीपत जिले के मुरथल में 22-23 फरवरी की रात छेडछाड और सामूहिक बलात्कार के आरोपों को खारिज किया गया.’ खंडपीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 14 मार्च लगाई. ज्ञातव्य हो कि उच्च न्यायालय ने सोनीपत के पास मुरथल में रेप की कथित आरोपों के बारे में द ट्रिब्यून  में छपी खबर के बाद मामले में स्वत: संज्ञान (suo  moto ) लिया था. पीठ ने मामले में अदालत की मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता को अदालत मित्र नियुक्त किया था. सुनवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मोहम्मद अकील और आरोपों की जांच कर रही तीन महिला पुलिस अधिकारियों की टीम की प्रमुख उपमहानिरीक्षक राजश्री सिंह भी मौजूद थीं.

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इस बीच एक नया डेवलपमेंट हुआ और हरियाणा के मुरथल के पास जाट आंदोलनकारियों पर बलात्कार और छेडछाड के आरोप लगने के कुछ दिन बाद कल एक महिला सामने आई और घटना के संबंध में अपने देवर सहित सात लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज कराया. महिला ने आरोप लगाया है कि 22-23 फरवरी की रात उससे बलात्कार किया गया और आरोपियों में उसका देवर भी शामिल है. पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह आंदोलन के दौरान महिलाओं से बदसलूकी का मामला न होकर  शिकायत के पीछे का कारण ‘पारिवारिक विवाद’ हो सकता है. उन्होंने कहा कि महिला अपराध स्थल के बारे में ठीक-ठीक नहीं जानती, लेकिन उसने कहा कि उससे मुरथल के नजदीक एक इमारत में उस समय बलात्कार किया गया जब वह हरिद्वार से एक वैन में दिल्ली के नरेला लौट रही थी.

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