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संसद के कैंटीन में खाने की कीमतें बढ़ाई गयीं, सब्सिडी बंद

नई दिल्ली : नए साल पर मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए मोदी सरकार ने संसद की कैंटीन में मिलने वाले व्यंजनों की कीमतों को बढ़ाने का फैसला ले लिया है! इस फैसले के अनुसार संसद कैंटीन के भोजन सामग्री की कीमत शुक्रवार से बढ़ जाएंगी। कैंटीन में सब्सिडी वाली कीमतों पर खाद्य सामग्री मिलने को लेकर संसद की कैंटीन अब गैर मुनाफा, गैर नुकसान के आधार पर काम करेगी। हालाँकि यह वृद्धि मामूली ही है परन्तु कई सालों से चल रहे सब्सिडी हटाने वाले इस कदम को सराहनीय माना जा रहा है !

क्या है नयी कीमतें 

अब 18 रुपये में मिलने वाली शाकाहारी थाली की कीमत बढ़ाकर 30 रुपये कर दी गई, जबकि 33 रुपये में मिलने वाली मांसाहारी थाली अब 60 रुपये में मिलेगी। पहले 61 रुपये में मिलने वाला थ्री-कोर्स मील अब 90 रुपये में जबकि 29 रुपये में मिलने वाली चिकन करी अब 40 रुपये में मिलेगी।

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लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कीमतों में बदलाव का आदेश दिया। लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार को कहा कि कीमतों में बदलाव छह साल बाद हो रहा है और समय समय पर कीमतों की समीक्षा की जाएगी।

आम आदमी को मिल रहे खुले बाजार में बेहिसाब मूल्य वृद्धि के बावजूद संसद कैंटीन में सब्सिडी के साथ परोसी जाने वाली खाद्य सामग्रियों को लेकर समय समय पर विवाद हुआ है, और मोदी विरोधियो ने इस बात को ले कर कई बार सरकार को निशाने पर लिया है. जिसे देखते हुए कीमतें बढ़ाने का फैसला लिया गया।

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लोकसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा, ‘संसद की कैंटीन में भोजन सामग्रियों की कीमतें समय समय पर मीडिया में चर्चा का विषय रही हैं। इसे देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद की खाद्य समिति को इस पर ध्यान देने के लिए कहा था।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, खाद्य समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कई फैसले लिए जिनमें से यह फैसला सबसे महत्वपूर्ण है कि संसद की कैंटीन अब मुनाफा और घाटे के अनुसार अपने खाद्य पदार्थों के रेट तय कर सकेगी !

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इसमें कहा गया कि इस के अनुरूप विभिन्न भोजन सामग्रियों की कीमतें बढ़ा दी गई हैं और इन्हें लागत की मूल कीमत पर बेचा जाएगा। यह शुक्रवार से प्रभाव में आएगा।

बयान के अनुसार, कीमतों में वृद्धि सांसदों, लोकसभा एवं राज्यसभा के अधिकारियों, मीडिया कर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और साथ ही आगंतुकों के लिए लागू होंगी।

काफी दिनों से सोशल मीडिया समेत आम लोगों के मन में यह बात थी कि आखिर सरकार एक तरफ गैस सब्सिडी छोड़ने की बात करती है और वही दूसरी तरफ इसके मंत्री हद से ज्यादा सस्ते दामों पर संसद के कैंटीन से खाना खाते हैं!

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साभार – नवभारत टाइम्स

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