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मासूम प्रद्युम्न की हत्या पर प्रसून जोशी की मार्मिक कविता

हरियाणा के गुड़गांव में रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र 7 साल के प्रद्युम्‍न की हत्‍या की घटना से पूरे देश में गुस्‍सा है. सेंसर बोर्ड के प्रमुख और गीतकार पसून जोशी ने भी घटना पर मार्मिक कविता लिखी है. सोशल मीडिया में उनकी कविता वायरल हो गई है. इसे एक हजार से ज्यादा बार शेयर किया गया है.

कविता

जब बचपन तुम्हारी गोद में आने से कतराने लगे,

जब मां की कोख से झांकती जिंदगी,बाहर आने से घबराने लगे,

समझो कुछ गलत है

जब तलवारें फूलों पर जोर आजमाने लगें,

जब मासूम आंखों में खौफ नजर आने लगे,

समझो कुछ गलत है

जब ओस की बूंदों को हथेलियों पे नहीं,

हथियारों की नोंक पर थमना हो,

जब नन्हें-नन्हें तलुवों को आग से गुजरना हो,

समझो कुछ गलत है

जब किलकारियां सहम जायें

जब तोतली बोलियां खामोश हो जाएं

समझो कुछ गलत है

कुछ नहीं बहुत कुछ गलत है

क्योंकि जोर से बारिश होनी चाहिये थी

पूरी दुनिया मेंहर जगह टपकने चाहिये थे आंसू

रोना चाहिये था ऊपरवाले को

आसमान से फूट-फूट कर

शर्म से झुकनी चाहिये थीं इंसानी सभ्यता की गर्दनें

शोक नहीं सोच का वक्त है

मातम नहीं सवालों का वक्त है.

अगर इसके बाद भी सर उठा कर खड़ा हो सकता है इंसान

तो समझो कुछ गलत है.

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