UP के इस गाँव ने अपना नाम बदल कर पकिस्तान अधिकृत कश्मीर रख लिया है. पर घबराइए नहीं, न तो ये पाकिस्तान की कोई चाल है और न ही यहां कोई कश्मीर बन रहा है.
दरअसल बात यह है कि इस गांव के लोग पिछले 70 सालों से नेताओं के भाषण और वादे सुन सुन कर परेशान हो चुके हैं. गाँव में बेसिक सुविधाओं का आभाव है तथा आजतक बिजली नहीं पहुंची. लगातार शिकायत करने का जब कोई फायदा नहीं हुआ तब गांव वालों ने यह अजीबोगरीब तरतीब अपनायी है.
उत्तरप्रदेश के इस गांव का नाम है सिम्मरपुर, जहाँ ग्रामीणों के अनुसार न तो स्कूल है, न अस्पताल और न तो पीने के पानी की कोई व्यवस्था है. गाँव की आबादी है 800 परन्तु आजतक गांव में बिजली की व्यवस्था नहीं हुई है . कहने के लिए एक हैंडपंप है जिसमे पानी नहीं आता है.
गांव के एक निवासी के अनुसार, केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है परन्तु हालात अबतक जस के तस हैं. हमलोग अख़बारों में कश्मीर के हालात के बारे में पढ़ते रहते हैं परन्तु हकीकत यह है कि हमारे हालात भी कश्मीर से कम नहीं हैं. इस मामले पर हमने भाजपा विधायक अभिजीत सिंह से भी बात की परन्तु कोई हल नहीं निकल पाया. गाँव में बिजली के खम्भे तो लगा दिए गए पर आजतक तार नहीं डाले गए. बिजली तो दूर की बात है.
सांसदों, विधायकों और गांव के प्रधान ने गांव के विकास के लिए फंड तो दे दिया लेकिन वो अबतक पहुंचा नहीं है। हमें राशन कार्ड पर कैरोसिन तक नहीं दिया जा रहा है। अगर बिजली नहीं है तो कम से कम कैरोसिन होगा तो हम घर में रोशनी तो कर सकेंगे। इसके अलावा कोई भी अन्य गांव का व्यक्ति हमारे गाँव की लड़कियों से शादी नहीं करना चाहता. ऊपर से प्रशासन का ठंडा रवैया हमारी उम्मीदें तोड़ रहा है.
इन सब को देखने के बाद गाँव वालों ने मंदिरों तथा दीवारों पर POK यानि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर लिखना शुरू कर दिया है. गांव वालों के अनुसार हम तब तक अपने गाँव को POK बुलाएंगे जबतक हमारे यहाँ बेसिक सुविधाएं नहीं पहुँच जातीं.
अब देखना यह है कि इतना सबकुछ होने के बाद क्या उत्तरप्रदेश की योगी सरकार के किसी अधिकारी की आँख खुलती है या नहीं.