उत्तर प्रदेश में ऐसे कई अस्पताल है, जो अपने अव्यवस्था के मशहूर है | पर अगर किसी मंत्री के आने की खबर मिलती है तो अस्पताल प्रशासन हालत को सुधारने में जुट जाता हैं | ऐसा ही कुछ शनिवार को SN मेडिकल कॉलेज में देखने को मिला |
जैसे ही अस्पताल प्रशासन को मेडिकल एजुकेशन मंत्री आशुतोष टंडन के आने की बात पता चली तो प्रशासन ने अपने अस्पताल की अच्छी छवि दिखाने के लिए इमरजेंसी वार्ड से कई मरीज़ो को इधर-उधर शिफ्ट करना शुरू कर दिया ताकि मंत्री जी यह न देख सके की वहां पर बेड के हिसाब से ज्यादा मरीजों को रखा जाता है |
इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन ने और भी बहुत बदलाव किये ताकि निरीक्षण में आये मंत्री जी को यह न लगे की अस्पताल में जरुरत के हिसाब से ज्यादा भीड़ है। अस्पताल प्रशासन ने अपनी इस अव्यवस्था को छुपाने के लिए वहा के कई मरीजों को कड़ी धूप में अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ खड़ा दिया |
डॉक्टरों ने मरीजों से कहा कि यह केवल दो या तीन घंटे की बात है। एक बार मंत्री जी निरीक्षण करके चले जाये तो आप सब को वापस बुला लिया जाएगा |
वही इस बारे मरीज़ो के परिजनों से बात की गई तो एक महिला ने कहा कि उसके दस महीने के बेटे को बुखार है और उसे आईवी ड्रिप लगी है लेकिन फिर भी अस्पताल वालों ने उन्हें वार्ड से बाहर बिठा दिया।
इस बारे में जब एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि हमें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है, किसी भी मरीज को इमरजेंसी वार्ड से शिफ्ट नहीं किया गया है और अगर ऐसा हुआ है तो ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।