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26 जनवरी – गणतंत्र दिवस पर निबंध (लेख) – Gantantra Diwas Essay in Hindi

दोस्तों गणतंत्र दिवस पूरे भारत वर्ष के लिए गौरव का दिन है. इस विषय पर हमने हिंदीवार्ता पर आप सभी के लिए गणतंत्र दिवस पर हिंदी निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं. यहाँ 100 शब्दों में, 300 शब्दों में तथा 500 से भी अधिक शब्दों में अलग अलग निबंध दिए गए हैं जिसे विभिन्न वर्ग के बच्चे प्रयोग में ला सकते हैं.

नीचे हमने गणतंत्र दिवस पर रोचक जानकारी भी दी है जिसका प्रयोग आप गणतंत्र दिवस पर भाषण के लिए प्रयोग कर सकते हैं.

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1. अति लघु निबंध (कक्षा 1,2,3)

प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को देश भर में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है
क्युकी इसी दिन सन 1950 को देश भर में संविधान लागु किया गया था!
गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है जिसे पूरा भारत वर्ष एक जुट हो कर मनाता है !
इस दिन राजपथ (नई दिल्ली) पर एक विशेष परेड का आयोजन किया जाता है,
जो की राष्ट्रपति भवन, राजपथ से होते हुए इंडिया गेट को जाती है!
गणतंत्र (गण+तंत्र ) का अर्थ है जनता का तंत्र !
जो कि लोकतंत्र की सामान्य परिभाषा भी है!

2. दीर्घ निबंध (Class 4,5,6,7)

गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी भी कहा जाता है जो हर साल पूरे भारत में मनाया जाता है. इसी दिन भारत को एक गणतांत्रिक देश घोषित किया गया था साथ ही आजादी के लंबे संघर्ष के बाद भारतीयों को अपनी कानूनी किताब ‘संविधान’ की प्राप्ति हुई थी। 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ और इसके ढ़ाई साल बाद ये लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में स्थापित हुआ।

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आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने को कहा गया। 4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया।

इसे पूरी तरह तैयार होने में लगभग तीन साल का समय लगा और आखिरकार इंतजार की घड़ी 26 जनवरी 1950 को इसको लागू होने के साथ ही खत्म हुई। साथ ही पूर्णं स्वराज की प्रतिज्ञा का भी सम्मान हुआ।

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भारत में गणतंत्र दिवस का दिन राष्ट्रीय अवकाश के रुप में मनाया जाता है जब इस महान दिन का उत्सव लोग अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे- समाचार देखकर, स्कूल में भाषण के द्वारा या भारत की आजादी से संबंधित किसी प्रतियोगिता में भाग लेकर आदि।

इस दिन भारतीय सरकार द्वारा नई दिल्ली के राजपथ पर बहुत बड़ा कार्यक्रम रखा जाता है, जहाँ झंडारोहड़ और राष्ट्रगान के बाद भारत के राष्ट्रपति के समक्ष इंडिया गेट पर भारतीय सेना द्वारा परेड किया जाता है।

3. Republic Day Essay (विस्तार से लेख )

प्रस्तावना- गणतन्त्र दिवस भी अन्य राष्ट्रीय पर्वों की भाँति बहुत महत्वपूर्ण है। 26 जनवरी 1950 के ही दिन हमारे देश में नए संविधान को लागू किया गया था। यह संविधान बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के परिश्रम और विवेक से तैयार हुआ था। इस संविधान को लागू कर के हमने अपने राष्ट्र को पूर्ण सत्ता सम्पन्न धर्म निरपेक्ष गणतन्त्र घोषित किया था। इसलिए 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

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26 जनवरी का ऐतिहासिक महत्व- 26 जनवरी 1930 को रावी नदी के तट पर कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। पंडित जवाहर लाल नेहरू इस अधिवेशन के अध्यक्ष थे। कांग्रेस ने नेहरू जी की अध्यक्षता मे पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्ति को अपना लक्ष्य घोषित किया था। तब से भारत को पूर्ण स्वतन्त्र कराने के लिए निरन्तर संघर्ष चलता रहा। अन्त में भारत 15 अगस्त को स्वतन्त्र हो गया। 26 जनवरी के महत्व को ध्यान में रखते हुए इसी दिन ही भारत के नए संविधान को लागू किया गया।

26 जनवरी का आयोजन- 26 जनवरी एक राष्ट्रीय पर्व है। इसका आयोजन दिल्ली में विशेष उत्साह और धूम धाम के साथ किया जाता है। इस दिन परेड का भी आयोजन किया जाता है। यह परेड विजय चैंक से प्रारम्भ होती है और लाल किले तक जाती है। इस परेड को देखने के लिए लोग प्रातः काल से ही एकत्र होने शुरू हो जाते हैं। लगभग आठ बजे प्रातः राष्ट्रपति की सवारी विजय चैंक पर पहुँचती है। प्रधानमंत्री उनकी अगवानी करते हें। इसके बाद तीनों सेनाओं के सैनिक राष्ट्रपति महोदय को सलामी देते हैं। सैनिकों के बाद स्कूलों के बच्चों की टोलियाँ अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करती हैं। बच्चों की विभिन्न प्रकार की क्रियाओं को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। इसके बाद विभिन्न प्रदेशों और केन्द्र शासित प्रदेशों की आकर्षक झाँकियाँ निकलती हैं। इन झांकियों में राष्ट्र के विकास की झलक मिलती है। विभिन्न प्रान्तों की सांस्कृतिक झलक तथा उपलब्धियों का भी पता चलता है।

विद्यालयों में गणतन्त्र दिवस- विद्यालयों में भी गणतन्त्र दिवस बहुत धूम धाम तथा उत्साह से मनाया जाता है। विद्यालयों में छात्र प्रातः आठ बजे के लगभग इकट्ठे होने लगते हैं। राष्ट्रध्वज के आरोहण के बाद छात्र राष्ट्रध्वज को सलाम देते हैं। गणतन्त्र दिवस के महत्व को दर्षाने वाले गीत तथा अन्य कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाते हैं। इस अवसर पर मिष्टान्न वितरण भी किया जाता है।

प्रान्तों में गणतन्त्र दिवस- विभिन्न राज्यों की राजधानियों में भी गणतन्त्र दिवस बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। कवि सम्मेलन रखे जाते हैं। देश के सभी सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है। राष्ट्रपति भवन पर रोशनी का विशेष कार्यक्रम होता है।

उपसंहार- हमने भारत को त्याग और संघर्ष करके स्वतन्त्र कराया था। इसके लिए हजारों, नौजवानों, बच्चों, माताओं और बहनों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। इसलिए हम सबका कत्र्तव्य है कि हम गणतन्त्र दिवस के अवसर पर प्रण करें कि भारत की स्वतन्त्रता और उसके संविधान की मर्यादा रखने के लिए हम सर्वस्व भी न्योछावर कर देंगे। देश की समृद्धि, एकता और अखंडता के लिए हम तन मन धन से जुट जाएँगे।

4. गणतंत्र दिवस पर विस्तृत निबंध (भाषण)

(दोस्तों नीचे दी गयी पंक्तियों को आप भाषण के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं. यहाँ हमने विस्तार से गणतंत्र दिवस के बारे में जानकारी दी है)

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हमारे राष्ट्रीय त्योहारों में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) का स्थान स्वाधीनता दिवस (15 अगस्त) के बाद महत्वपूर्ण है। आज ही के दिन हमने अपने राष्ट्र के के विकास के एक विशेष संविधान को तैयार करके इसे कार्य-रूप में लागू करने के लिए सब प्रकार की तैयारी और योजना पूरी की थी। यह संविधान डा. भीमराव अम्बेडकर की अपार बुद्धि और विवेक के द्वारा तैयार हुआ था। इस संविधान को लागू करके हमने अपने राष्ट्र को पूर्ण स्वायत गणतंत्र का स्थान दिया था। इसलिए 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस’ कहा जाता है।

26 जनवरी का दिन हमारी स्वाधीनता के लिए एक अत्यन्त महत्व एवं हर्ष का दिन है। 26 जनवरी, 1930 को रावी नदी के तट पर नेहरू जी की अध्यक्षता में पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति का प्रस्ताव कांग्रेस अधिवेशन में पास हुआ। संघर्ष चलता रहा। निरीह जनता स्वतंत्रता की बलिवदी पर चढ़ती रही। अंततः शहीदों का खून रंग लाया और देश स्वतंत्र हुआ।

लौह पुरूष सरदार पटेल की योग्यता और साहस ने भारत की सात सौ रियासतों को मिलाकर तिरंगे झण्डे के नीचे ला दिया। 26 जनवरी को रावी तट पर किए गए ऐतिहासिक निर्णय की याद में 26 जनवरी 1950 को अखण्ड भारत का संविधान लागू कर दिया गया। इस दिन भारत को सर्वोच्च सम्पूर्ण प्रभुता गणराज्य घोषित किया गया। राष्ट्रपति को देश का सर्वोच्च शासक माना गया। तभी से 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में माना जाता है।

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26 जनवरी को हम एक महान राष्ट्रीय पर्व के रूप में मानते हैं। राजधानी दिल्ली में यह पर्व विशेष समारोह के साथ मनाया जाता है। विजय चौंक से प्रारम्भ होकर लाल किले तक जाने वाली परेड इस समारोह का मुख्य आकर्षण होती है। इस परेड को देखने के लिए लोग बहुत सवेरे से ही इकट्ठे हो जाते हैं। लगभग प्रातः आठ बजे राष्ट्रपति की सवारी विजय चौंक पर पहुँच जाती है।

प्रधानमंत्री उनकी अगवानी करते हैं। इसके बाद तीनों सेनाओं के सैनिक राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। सैनिकों के बाद स्कूलों के बच्चों की टोलियां आती हैं, जो तरह तरह के आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करती हैं। बच्चों की ये क्रियाएँ दर्शकों को मन्त्र मुग्ध कर देती हैं। इसके बाद विभिन्न प्रदेशों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की आकर्षक झाँकियां निकलती हैं। उनमें राष्ट्र के विकास के प्रमाण चिन्ह विज्ञान, कला, संस्कृति की विभिन्न उपलब्धियाँ दिखाई जाती हैं। पंक्तिबद्ध बैठे हुए दर्शक सामने से गुजरती हुई इन झांकियों को देखकर विशेष गर्व का अनुभव करते हैं।

26 जनवरी के दिन विभिन्न स्थलों पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम अपनाए और आयोजित किए जाते हैं। इस देश के प्रायः सभी नागरिक इस महत्वपूर्ण त्योहार का विशेष आनन्द लेने के लिए अनेक प्रकार की कार्यविधियों की स्वतंत्रतापूर्वक अपनाया करते हैं।

स्कूलों के बच्चे अपनी रंग बिरंगी पोशाकों में अपने कौशल दिखाते हुए जलूस में भाग लेते हैं। देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शित झांकियों में विभिन्न हथियारों, टैंकों तथा प्रक्षेपास्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है। राज्यों की प्रगति झांकियों के रूप में दिखाई जाती हैं, जिससे भारत की उन्नति और समृद्धि का अनुभव होता है। ‘विभिन्नता में एकता छिपी है’ की उक्ति से भारत की एकता का ज्ञान होता है।

इस दिन प्रत्येक प्रांत की राजधानी में गणतंत्र दिवस बडी धूम धाम से मनाया जाता है। झांकियों आदि के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। कवि सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। देश के सभी सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है। जगह जगह राष्ट्रीय झण्डों को फहराया जाता है। भारतीय गणतंत्र की वर्षगांठ के साथ हमारा कर्त्तव्य है कि हम प्रण करें कि भारत की स्वतंत्रता तथा संविधान की मर्यादा रखने के लिए जीवन बलिदान कर देंगे, परन्तु इस पर आँच नहीं आने देंगे। देश की समृद्धि के लिए हम तन, मन और धन से जायेंगे।

इस प्रकार से हमें गणतंत्र दिवस के विशेष महत्व पर पूरा ध्यान देते हुए इस परम सौभाग्यपूर्ण दिवस को एक संकल्प में लेकर देशोत्थान में लग जाना चाहिए।

अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

दोस्तों नीचे दिए गए बिन्दुओं को पढ़ कर आप गणतंत्र दिवस पर एक अच्छा भाषण भी तैयार कर सकते हैं. साथ ही साथ गणतंत्र दिवस पर आपकी जानकारी आपको एक अच्छा लेख लिखने में भी मदद करेगी.

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है ?

सन 1929 के दिसंबर में लाहौर में कांग्रेस का अधिवेशन जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियन स्टेट घोषित नहीं करेगी, तो भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा।

26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और पूर्ण स्वराज्य के लिए एक सक्रिय आंदोलन का आरंभ किया।

२६ जनवरी का महत्व बनाये रखने के लिए सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास हुआ कि 26 जनवरी को भारत गणतंत्र दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाएगा!

साथ ही साथ 26 जनवरी की महत्ता इस बात से भी बढ़ जाती है क्योंकि इसी दिन 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान जो कि विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है ! जिसके अस्तित्व में आने पर भारत वास्तव में एक सम्प्रभु देश बना ! यह दिन उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के लिए सम्मान दर्शाता है! इस दिन हम सब उनके बलिदानो को याद कर के उन्हें भावांजलि देते हैं!

गणतंत्र दिवस पर समारोह 

सर्वप्रथम 26 जनवरी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय ध्वज दिल्ली के लाल किले पर फहराया जाता है और उसके बाद सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गया जाता है! इस अवसर पर हर साल एक परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक आयोजित की जाती है! जिसमें भारतीय सेना के विभिन्न अंग जैसे नौसेना, जलसेना, वायुसेना भाग लेती है! इसी दिन परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति (सैनिकों के लिए एक स्मारक) पर पुष्प माला डाल कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं!

राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ 14 घोड़ों की बग्घी में बैठकर इंडिया गेट पर आते हैं, जहाँ प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते हैं। राष्ट्रीय धुन के साथ ध्वजारोहण करते हैं, उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है, हवाई जहाजों द्वारा पुष्पवर्षा की जाती है। आकाश में तिरंगे गुब्बारे और सफेद कबूतर छोड़े जाते हैं।

भारत की अलग अलग राज्यों की संस्कृति, विशेषता, उनके लोक गीत , कला और विशेषता को परेड में झाँकियौं के रूप में दिखाया जाता है इस परेड को पूरे भारत में उसी समय सभी टेलीविज़न और रेडियो पर भी दिखाया जाता है।

26 जनवरी का पावन पर्व आज भी हर दिल में राष्ट्रीय भावना की मशाल को प्रज्वलित कर रहा है। लहराता हुआ तिरंगा रोम-रोम में जोश का संचार कर रहा है, चहुँओर खुशियों की सौगात है। किसी ने सच ही कहा है- “कण-कण में सोया शहीद, पत्थर-पत्थर इतिहास है।“ ऐसे ही अनेक देशभक्तों की शहादत का परिणाम है, हमारा गणतान्त्रिक देश भारत। आइये हम सब मिलकर उन सभी अमर बलिदानियों को अपनी भावांजली से नमन करें!

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