नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन रवाना हो गए. फेसबुक और ट्विटर पर पोस्ट किए गए बयान में मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के बाद म्यांमार यात्रा का भी जिक्र किया और आशा जताई कि इससे द्विपक्षीय संबंध और गहरे होंगे.इस बार का ब्रिक्स सम्मेलन चीन के श्यामन शहर में रविवार से मंगलवार के बीच आयोजित हो रहा है. मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन के बाद और उन्नति देखते हैं. वो चीन के नेतृत्व में ब्रिक्स सम्मेलन में सकारात्मक वार्ता की आशा करते हैं.पीएम 3 से 5 सितंबर के बीच चीन में रहेंगे और उसके बाद वह 5 से 7 सितंबर के बीच म्यांमार में रहेंगे.
मोदी ने कहा, भारत को इससे पहले गत वर्ष अक्टूबर में गोवा में इस सम्मेलन की मेजबानी करने का मौका मिला था. मैं अब गोवा सम्मेलन के नतीजों की उम्मीद कर रहा हूं. मैं सकारात्मक नतीजों एवं फलदायी बातचीत की भी आशा करता हूं जिससे चीन की अध्यक्षता में मजबूत ब्रिक्स साझेदारी के एजेंडे को समर्थन मिले. हम पांचों देशों के उद्योगों के प्रमुखों द्वारा आयोजित ब्रिक्स व्यापार परिषद से भी संवाद करेंगे. इसके अलावा मैं पांच सितंबर को राष्ट्रपति जिनपिंग की अध्यक्षता में आयोजित उभरते बाजार एवं विकासशील देशों की वार्ता कार्यक्रम में ब्रिक्स देशों के अलावा नौ अन्य देशों के नेताओं के साथ शामिल होऊंगा.
प्रधानमंत्री सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से भी मुलाकात कर सकते हैं. यह मुलाकात डोकलाम विवाद समाप्त होने के कुछ दिन बाद हो रही है. ढाई माह तक चले डोकलाम विवाद की वजह से दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थी और 15 अगस्त को लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प भी हुई थी.भारत शांति और विकास के लिए ब्रिक्स देशों की साझेदारी को काफी महत्व देता है. ब्रिक्स ने वैश्विक चुनौतियों को सामना करने में और विश्व शांति और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.मोदी ने कहा कि दौरे के दौरान दोनों देशों के नेता द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे, खासकर विकास सहयोग एवं भारत द्वारा दी जा रही सामाजिक-आíथक सहायता पर चर्चा करेंगे. एक साथ काम करने के लिए नए क्षेत्रों की भी पहचान की जाएगी.