श्रीनगर: 8 सितंबर यानि शक्रवार को दिल्ली स्थित एनआईए मुख्यालय के बाहर जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता धरना-प्रदर्शन करने वाले थे. इस धरने से एक दिन पहले ही गुरूवार को जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया है जब कि अलगाववादी नेता मीरवाइज को नजरबंद कर दिया गया है.यासिन मलिक को 11 सितंबर तक सेंट्रल जेल भेजा जाएगा। गौरतलब है कि अभी कुछ ही दिनों पहले NIA ने हुर्रियत और अलगाववादी नेताओं की बेनामी संपत्ति तथा धन शोधन संबंधी मामले को लेकर छापेमारी की थी। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज का कहना है कि केंद्र सरकार घाटी के प्रमुख नेताओं, व्यापारियों और छात्रों को उत्पीड़ित करने के लिए एनआईए का दुरूपयोग कर रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई सालों से हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी भी नजरबंद ही है। बुधवार के दिन यासीन मलिक,शाह गिलानी और मीरवाइज ने ऐलान किया था कि वो शुक्रवार को दिल्ली स्थित एनआईए मुख्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे तथा अपनी गिरफ्तारी देंगे। मीरवाइज़ और यासीन मलिक ने बुधवार को श्रीनगर के ऐतिहासिक की जामा मस्जिद में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था ‘हम 9 सितम्बर को नई दिल्ली जाने और वहाँ विरोध करने का निर्णय लिया है। चूंकि एनआईए का मुख्य लक्ष्य एक प्रतिरोधी नेतृत्व है, इसलिए हम एनआईए मुख्यालय पर गिरफ्तारी की पेशकश करेंगे। हुर्रियत कांफ्रेंस (अ) के एक प्रवक्ता ने मीरवाइज़ एक बार फिर बॉक्स नजरबंदी पर गंभीर नाराज़गी जताते हुए उनकी लगातार नजरबंदी को राजनीतिक बदला पकड़ने और शासकों हार संज्ञा दी है।
मीरवाइज ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार संस्था एनआईए के जरिए विभिन्न लोगों की जांच कराकर जनता की नजरों से कश्मीर मुद्दे का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। वहीं जेकेएलएफ चीफ यासिन मलिक का कहना है कि सरकार एनआईए को फिल्म शोले के विलेन गब्बर की तरह इस्तेमाल कर रही है। ताकि कश्मीरवासी डरकर आजादी के लिए संघर्ष नहीं कर सकें।