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आसाराम की आफत बढ़ी, जमानत से SC का इनकार


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू रेप केस में जांच में हो रही देरी पर गुजरात सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी को ठुकराते हुए कहा था कि जब तक केस के गवाहों के बयान ट्रायल कोर्ट में दर्ज नहीं हो जाते, वो मामले की सुनवाई नहीं करेगा.आसाराम 2013 से जेल में बंद हैं.सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से पूछा है कि रेप के आरोपी आसाराम बापू केस में जांच की रफ़्तार इतनी धीमी क्यों है? सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा, ‘वो इस केस में हलफनामा दाखिल कर बताए कि अभी तक ट्रायल किस स्तर पर पहुंचा है.

नाबालिग से रेप का मामले में 12 अप्रैल 2017 को सु्प्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा था कि आसाराम के खिलाफ ट्रायल को लटकाए ना रखे. इस मामले में प्रैक्टिकली संभव हो सके, गवाहों के बयान दर्ज कराएं जाएं क्योंकि आसाराम लंबे वक्त से जेल में है.गुजरात सरकार की ओर से कहा गया था कि इस मामले में गवाहों को लेकर तेजी से कार्यवाही चल रही है. 29 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं, 46 के बयान दर्ज होना बाकी है. इस बीच दो गवाहों की हत्या कर दी गई. वहीं आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट सरकार को आदेश दें कि गवाहों के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया में तेजी लाएं.

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उल्लेखनीय है कि स्वयंभू संत आसाराम बापू अपने ही आश्रम की एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने के मामले में तीन साल से जेल में बंद हैं. आसाराम दो सितंबर, 2013 से राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं.उन पर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा चल रहा है. एक 16 वर्षीय लड़की ने 20 अगस्त, 2013 को आसाराम के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने जोधपुर के पास स्थित अपने आश्रम में उसका यौन शोषण किया था, जिसके बाद 72 वर्षीय आसाराम को गिरफ्तार कर लिया गया था.

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