Advertisement

व्रत का उद्यापन कितने वर्षों के बाद करना चाहिए?

Vrat ka udyapan kitne varshon ke bad karna chahiye?

उत्तर: गृहस्थी को व्रत प्रारंभ करने के बाद किस व्रत का उद्यापन (समापन) कितने दिनों, मास या वर्षों के अनुष्ठान बाद करना चाहिए? कुछ व्रतों के उद्यापनकाल के बारे में हमें र्निदेश शास्त्रों में बताए गये हैं जो इस प्रकार हैं :-
व्रत                उद्यापनकाल                  व्रत              उद्यापनकाल
रम्भा व्रत         5 वर्ष पश्चात                 प्रदोष व्रत       1 वर्ष पश्चात
सोमवती व्रत     12 या 1 वर्ष पश्चात        संकष्टी चतुर्थी  21 वर्ष पश्चात
ऋषि पंचमी       7 वर्ष पश्चात                नृसिंह चौदस    14 वर्ष पश्चात
अनंत चौदस      14 वर्ष पश्चात               शिवरात्रि व्रत   14 वर्ष पश्चात
महालक्ष्मी व्रत    13 वर्ष पश्चात               एकादशी व्रत     80 वर्ष पश्चात

चार्तुमास्य व्रत, अधिक मास, वैसाख, कार्तिक, माघ स्नान आदि के व्रत प्रति वर्ष व्रत के समापन पर ही किए जाते हैं। दुर्वाष्टमी व्रत का कभी उद्यापन नहीं करना चाहिए।

Advertisement
Advertisement

Leave a Reply