Advertisement

वाहृय और ब्राह्य में अंतर – श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द युग्म

वाहृय और ब्राह्य में क्या अंतर है – समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द युग्म

वाहृय का अर्थ – वहन के योग्य

Advertisement

ब्राह्य का अर्थ – बाहरी

वाहृय का वाक्य प्रयोग-

Advertisement

यह भार मेरे लिए वाह्य नहीं है ।

ब्राह्य का वाक्य प्रयोग-

Advertisement

उसके ब्राह्य और आंतरिक गुणों में भिन्नता है।

vahya ka arth – vahan ke yogya

brahma ka arth – bahri

Advertisement

वाहृय और ब्राह्य शब्द युग्म के बारे में विभिन्न परीक्षाओं में कई प्रकार से प्रश्न पूछे जाते हैं। जैसे –

वाहृय का अर्थ, ब्राह्य का अर्थ, वाहृय और ब्राह्य में अंतर बताइये, वाहृय का वाक्य प्रयोग, ब्राह्य का वाक्य प्रयोग, वाहृय और ब्राह्य श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द युग्म में अंतर स्पष्ट कीजिये, आदि।

समोच्चरित भिन्नार्थक शब्द युग्म की विस्तार से जानकारी के लिए निम्न पोस्ट पढ़ें :-

500 श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द युग्म

10 Important शब्द युग्म जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।

Advertisement

Leave a Reply