उपसर्ग और प्रत्यय कक्षा 10th
उत्पत्ति के आधार पर शब्द के तीन भेद होते हैं – रूढ़, यौगिक और योगरूढ़। यौगिक शब्द दो शब्दों के मिलने से बना है। शब्द रचना के क्रम में ही उपसर्ग और प्रत्यय का भी विशेष महत्व है। जिस प्रकार योगिक शब्द शब्द रचना का परिणाम है, उसी प्रकार उपसर्ग और प्रत्यय द्वारा भी हम शब्द रचना करते हैं।
उपसर्ग –
उपसर्ग का निर्माण दो शब्दों के योग से हुआ है उप और सर्ग , उप का अर्थ होता है आगे और सर्ग का अर्थ होता है जोड़ना । इस प्रकार वह शब्दांश जो शब्द के आगे जुड़कर नये शब्द का निर्माण करता है उसे उपसर्ग कहते हैं।
भारत में प्रचलित मुख्य भाषाओं के आधार पर उपसर्ग का वर्गीकरण चार भागों में किया गया है –
1. संस्कृत के उपसर्ग
2. हिंदी के उपसर्ग
3. उर्दू के उपसर्ग ,और
4. अंग्रेजी के उपसर्ग।
संस्कृत के उपसर्ग और उसके उदाहरण
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
अति – अधिक – अत्यधिक, अतिरिक्त, अतिरेक
अन् – नहीं अभाव – अनाचार, अनावश्यक, अनाधिकार
उत – ऊचा श्रेष्ठ – उत्थान, उत्तर, उत्प्रेक्षा, उत्कंठा
उप – समीप छोटा – उपस्थित, उपाध्यक्ष, उपयोग
तत् – उसके जैसा – तत्सम, तत्काल,तत्क्षण, तत्परता
परा – सीमा से अधिक पराजित,पराधिन, पराकाष्ठा
प्रति – प्रत्येक – प्रतिक्रिया, प्रतिलिपि, प्रतियोगिता
सम – संयोग – सम्मान, सम्मेलन, सम्मोहन, समकालीन
स्व – अपना – स्वार्थ, स्वयं, स्वाधीनता, स्वसंचालित
हिंदी के उपसर्ग
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
अध – आधा – अधपका अधखिला अधकचरा
अन् – नहीं – अनायास, अनावश्यक
आ – साथ – आसान, आकार, आरोग्य, आयात
उ – अभाव – उलाहना, उधार, उदाहरण, उपेक्षा
कु – बुरा – कुरंग, कुयोग, कुदृष्टि कुसंग
चौ – चार – चौखट, चौपाया, चौराहा, चौगान
दु – बुरा – दुलत्ती,दुराव,दुबला,
प्रति – ओर – प्रतिकार, प्रतिरोध, प्रतिशोध, प्रतिफल
बिन – निषेध – बिनब्याहा, बिनचाहा, बिनदेखा
भर – पूरा – भरपेट, भरसक, भरपूर, भरनींद
वि – जुदाई – वियोग, विकार, विशेष, विनियम
स – सहित – सफल, सजग, साहब, सलाम, सकुशल
उर्दू के उपसर्ग
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
कम – थोड़ा – कमबख्त, कमजोर, कमसिन
खुश – अच्छा – खुशनुमा, खुशनसीब, खुशपल, खुश फहमी
ना – नहीं – नालायक, नापाक, नासाज, नासमझ
ब – के साथ – बदबू
बद – बुरा – बदनाम, बदकिस्मत, बदहाल, बदमाश
बा – के साथ – बाकायदा, बारहम, बावस्ता,बाईज्जत
बे – अभाव – बेखटके, बेरहम, बेचैन, बेचारा, बेनाम
ला – नहीं – लाइलाज, लावारिस, लापता, लाचार
अंग्रेजी के उपसर्ग
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
सब – आधीन – सब इंस्पेक्टर, सब एरिया, सब रजिस्ट्रार
डबल – दुगना – डबल रोटी, डबल बेड, डबल चांस
हाफ – आधा – हाफ सेंचुरी, हाफ पैंट, हाफ मसाला
फुल – पूरा – फुल सेंचुरी, फुल मसाज, फुल पैंट
वॉइस – उप – वाइस चांसलर, वाइस प्रेसिडेंट, वाइस कैप्टन
प्रत्यय-
प्रत्यय वे शब्दाश है जो किसी शब्द के पीछे लग कर नवीन शब्दों का निर्माण करते हैं
जैसे : भिन्नता= भिन्न+ ता, दुकानदार= दुकान+ दार
प्रत्यय दो प्रकार होते हैं – कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय
कृत प्रत्यय –
वे शब्दाश जो किसी क्रिया के अंत में लगकर नवीन शब्द का निर्माण करते हैं उसे कृत प्रत्यय कहते हैं।
प्रत्यय – प्रत्यय युक्त शब्द
ना – पढ़ना लिखना चढ़ना बोलना
ता – चढ़ता गिरता पड़ता लूटता पीटता
कर – पूछकर पढ़कर लूटकर मारकर गिरकर बोलकर
आहट – भिन्न-भिन्नाहट , बड़बड़ाहट, छटपटाहट
आवट – बुनावट गिरावट लिखावट, लिखावट
आका – लड़ाका छपाका,
आऊ – भड़काऊ दिखाऊ बनाऊ चलताऊ उपजाऊ दिखाऊ
आई – गुड़ाई खुदाई बनवाई छुड़वाई भगवाई
तद्धित प्रत्यय-
वैसे शब्दांश जो संज्ञा सर्वनाम विशेषण इत्यादि में लगकरन नवीन शब्द का निर्माण करते हैं उसे तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
प्रत्यय – प्रत्यय निर्मित शब्द
शाली – बलशाली, शक्तिशाली, भाग्यशाली, दुर्भाग्यशाली
वाला – चश्मेवाला, पानवाला, गाड़ीवाला, रिक्शावाला
वान – चरित्रवान, भाग्यवान, प्रतिभावान, बलवान
ला – अगला, संभला, पिछला, उबला
मान – अभिमान, प्रतिमान,
भावना – दुर्भावना, संभावना, मनभावना
पूर्वक – आनंद पूर्वक, प्रसन्नता पूर्वक, विलासिता पूर्वक
पन – बचपन, लड़कपन, गवारपन, अपनापन
ना – बोलना, पढ़ना, भागना, दौड़ना, चाहना
न – भेदन, लेखन, शोभन, पठन-पाठन
दार – दुकानदार, खरीददार, चौकीदार, पहरेदार
ता – आधुनिकता, सजगता, तर्कशास्त्रज्ञता, अकुलीनता
तर – बदतर, उत्तर, बेहतर
क – ग्राहक, लेखक, संपादक, प्रकाशक
ईया – बढ़िया, लखटकिया, बुधिया, कनिय, गडरिया
ईय – स्वदेशीय, प्रदेशीय, सम्मानीय, धमनिया, प्रशंसनीय
ईन – कुलीन गमगीन संगीन,रंगीन नमकीन
ई – खानदानी गुलाबी सन्यासी प्रसिद्धि चारदीवारी।
इत – म़ोहित, प्रतिष्ठित, स्थापित, विदित
इक – भौतिक, दैविक, त्रिवेदी, नैतिक, आर्थिक, शारीरिक
आई – बडाई, प्रभुताई, बुनाई सिखवाई बनवाई, पुरवाई
उपसर्ग और प्रत्यय मिश्रित शब्द –
कभी-कभी कुछ ऐसे शब्द मिल जाते हैं जिसमें एक साथ उपसर्ग और प्रत्यय दोनों का प्रयोग किया जाता है, ऐसे शब्दों को उपसर्ग मिश्रित प्रत्यय युक्त शब्द कहा जा सकता है, कुछ उदाहरण प्रस्तुत है-
उपसर्ग – उपसर्ग मिश्रित प्रत्यय युक्त शब्द – प्रत्यय
सह – सहयोगिता – ता
सह – सहभागिता – ता
वि – विदेशी – ई
बद – बददिमागी – ई
पर – परोपकारिता – ता
ना – नालायकी – ई
गैर – गैरजिम्मेदाराना – ना
कु – कुलीनता – ता
अ – असमर्थता – ता
अ – अराजकता – ता
अ – अभिज्ञता – ता
अ – अनर्थकारी – ई
प्रत्यय और उपसर्ग से संबंधित विशेष तथ्य- उपसर्ग और प्रत्यय मे प्रमुख अंतर यह है कि जहां उपसर्ग शब्द के आगे लगता है और प्रत्यय शब्द के पीछे, परंतु उपसर्ग और प्रत्यय में तीन विशिष्ट समानताएं भी है, वह यह कि ये पूर्णतः शब्दांश होते हैं। उपसर्ग और प्रत्यय का स्वतंत्र प्रयोग नहीं किया जा सकता तथा यह किसी शब्द के साथ जुड़कर ही नवीन शब्द का निर्माण करते हैं।