ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
unche ghor mandar ke andar rahan vari unche ghor mandar ke andar rahati hai mein kaun sa alankar haiऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है।
प्रस्तुत पंक्तियों में यमक अलंकार है। प्रस्तुत पंक्ति यमक अलंकार है। जब काव्य में एक ही शब्द दो बार आए और दोनों ही बार उसके अलग अलग अर्थ हों तो वहाँ यमक अलंकार होता है.।इसमें घोर मंदर का प्रयोग दो बार हुआ है जिसमे एक का अर्थ महल से है तो दूसरे का अर्थ पर्वत से है।
प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:
चूंकि इसमें शब्दों को ज्यों का त्यों प्रयोग किया गया है इसलिए अभंग पद अलंकार है।( घोर मंदर – ऊंचे महल और ऊंचे पर्वत )
यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:
आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:
“ विजन डुलातीं तें वें विजन डुलातीं है।“ यहाँ विजन के दो अर्थ है – पंखे झुलाती और निर्जन जंगल
मालाफेरत जग मुआ मिटा न मन का फेर। कर का मनका छोड़ के मन का मनका फेर.। इस पंक्ति में मनका शब्द की आवृति हुई है और दोनों बार अलग अलग अर्थमें प्रयुक्त हुआ है। अतः; यह यमक अलंकार का उदाहरण है।
काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –
अनुप्रास अलंकार।
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अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
- रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
- कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।। में कौन सा अलंकार है?