खूं से लिखी, वो किताब ढूंढ़ता हूँ – आनंद मधुकर 2015-10-302017-08-03RituV ठौर ढूंढ़ता हूँ, ठाँव ढूंढ़ता हूँ , शहर में कहीं अपना गाँव ढूंढ़ता हूँ. जाने सफर में कहाँ खो गया हूँ , ज़मीं [...]