छठ पूजा भारत में भगवान सूर्य की उपासना का सबसे प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है. इस पूजा में भगवान सूर्य की उपासना की जाती है. इस त्यौहार को षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है.
जिस कारण इसे सूर्य षष्ठी व्रत या छठ कहा गया है. इस त्यौहार को साल में दो बार मनाया जाता है पहली बार चैत्र महीने में और दूसरी बार कार्तिक महीने में.
हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्लपक्ष की षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ त्योहार को चैती छठ कहा जाता है.जबकि कार्तिक शुक्लपक्ष की षष्ठी पर मनाए जाने वाले इस त्योहार को कार्तिक छठ कहा जाता है.
बिहार और उत्तर प्रदेश में यह त्यौहार काफी लोकप्रिय पर्व है. इस त्योहार को मनाने के पीछे मुख्य कारण अपने परिवार की खुशी और मनचाहे फल को प्राप्त करना.
दिवाली के बाद सबसे बड़ा त्यौहार आता है छठ पूजा. इस पर्व को छठ, छठी, डाला छठ, डाला पूजा, सूर्य षष्ठी जैसे अनेक नामों से जाना जाता है. छठ का भोजपुरी में अर्थ होता है छठा दिन.
छठ पूजा का त्यौहार कार्तिक के महीने में मनाया जाता है। और ये लगातर सप्तमी तक चलता रहता है. मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की छठी के दिन की जाती है.
इस दौरान सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की अराधना की जाती है.
भगवान सूर्य को भी बहुत विशेष दर्जा दिया जाता है. भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए इस दिन सूर्य की भी पूजा की जाती है. माना जाता है जो व्यक्ति छठ माता की इन दिनों पूजा करता है छठ माता उनकी संतानों की रक्षा करती हैं.
इसको पूरे देश में धूम धाम से मनाया जाता है. दिवाली से ही इस पर्व की तैयारिया शुरू हो जाती हैं. यह त्यौहार लगातार चार दिन चलता हैं.ये त्यौहार 24 अक्टूबर से लेकर 27 अक्टूबर तक मनाया जाएगा.