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सूर्य भगवान को जल क्यों चढ़ाया जाता है?

Surya Bhagvan ko jal kyon chadhate hain?

सूर्य भगवान को जल चढ़ाने का विधान केवल लज्जा वस्त्र पहन कर नंगे बदन जल चढ़ाना है। सूर्य के सामने खड़े होकर दोनों हाथों से जब जल चढ़ाया जाता है, तो वह पानी जमीन पर गिरकर हमारे बदन पर छीटों के रूप में लगता है। यह पानी जो सूर्य की किरणों से प्रभावित होकर हमारे शरीर पर लगता है, उसमें कई शारीरिक व्याधियों को हरने की क्षमता होती है। यह वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित कर दिया गया है। आपने देखा होगा कि बहुत से लोग समुन्द्र के किनारे पड़े रहकर सूर्य स्नान करते हैं। वास्तव में यह प्रकृति का हम लोगों को बहुत बड़ा वरदान है। सूर्य किरणों से चिकित्सा भी होती है, जिसे सूर्य किरण चिकित्सा कहा जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा का तो मूल आधार ही यही है कि जिन पाँच तत्वों से यह शरीर बना है, उन्हीं से इसको निरोग किया जा सकता है। अन्य कोई देवता दिखलाई नहीं पड़ते किन्तु सूर्य भगवान तो साक्षात देवता है। इनकी उपासना करने वाला निरोग रहकर शतायु तक जीवित रह सकता है।

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