नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कुछ राहत देते हुए उन्हें निचली अदालत में निजी तौर पर पेश होने से छूट दे दी किन्तु साथ ही एक झटका भी दिया क्यूंकि उच्चतम न्यायालय ने कोर्ट में चल रहे ट्रायल केस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार को दिए इस फैसले के बाद सोनिया और राहुल को नेशनल हेराल्ड मामले में अगली डेट यानि २० फरवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था देते हुए कहा की यदि कोर्ट जरूरी समझे तो भविष्य में वह इन दोनों नेताओं को गवाही के लिए बुला सकता है किन्तु हर पेशी पर उन्हें मौजूद रहने की जरूरत नहीं है.
जस्टिस जिस खेहर और सी नागप्पन की दो सदस्यीय खंडपीठ ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उस अपील को निरस्त कर दिया जिसमें उन्होंने निचली अदालत में चल रहे केस को बंद करने की मांग की थी.
शुक्रवार को याचिकाकर्ता सुब्रमनियन स्वामी ने जिरह करते हुए सोनिया और राहुल को पेशी से छूट दिए जाने का विरोध किया जिस पर माननीय न्यायालय ने कहा कि इन नेताओं कि व्यक्तिगत हैसियत को देखते हुए इन नेताओं को पेशी में मौजूद रहने से अदालती कार्रवाही में असुविधा होगी.
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क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
भाजपा नेता सुब्रमनियन स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कई अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ पटियाला कोर्ट में अपराधिक मामले कि याचिका दायर की है. स्वामी ने इन लोगों पर नेशनल हेराल्ड मामले में धोखाधड़ी, विश्वास भंग, और वित्तीय अनियमितताओं का केस दायर किया है. उनका कहना है की सोनिया, राहुल और अन्य नेताओं ने सिर्फ पचास लाख रुपये देकर यंग इंडियन के जरिये एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की नब्बे करोड़ से भी ज्यादा कि संपत्ति गैर-कानूनी तरीके से हथिया ली है.