Aankho Dekhe Match ka Varnan par laghu nibandh
प्रस्तावना- पिछले महीने हमारे स्कूल में खेल प्रतियोगिता हुई थी। इस अवसर पर हमारे स्कूल की कई टीमों ने हिस्सा लिया था। उन मैचों को मैंने भी देखा था। हाकी का मैच बहुत ही अच्छा था। यह मैच अशोक सदन और शिवाजी सदन की टीमों के बीच खेला गया था।
मैच का आरम्भ- विद्यालय में दस बजे के लगभग यह घोषणा की गई कि इन दोनों सदनों की हाकी की टीमों के बीच मैच आरम्भ होगा। छात्र और छात्राओं की भीड़ उस मैदान के चारों ओर मैच को देखने के लिए इक्ट्ठी होनी शुरू हो गई।
दोनों टीमों के खिलाडि़यों ने अलग अलग रंग की पोशाकें पहन रखी थीं। इससे उन्हें पहचानाने में कोई कठिनाई नहीं थी। उपस्थित दर्शकों ने दोनों टीमों का तालियाँ बजाकर स्वागत किया।
निर्णायक की सीटी बजते ही दोनों टीमें खेल के लिए तैयार हो गईं। मैच ठीक ग्यारह बजे आरम्भ हो गया। दोनों
टीमों में बहुत उत्साह था।
काँटे का मुकाबला- दोनो सदनों को टीमें बहुत अच्छी थीं। अशोक सदन की टीम यदि दूसरी ओर गेंद ले जाती तो अशोक सदन के उपस्थित छात्र तालियाँ बजाते और अपने साथियों को उत्साहित करते। यदि शिवाजी सदन के खिलाड़ी अशोक सदन के पाले में गेंद ले जाते तो शिवाजी सदन के छात्रों में जोश पैदा हो जाता। खेल का आरम्भ हुए पाँच मिनट ही हुए होंगे कि अशोक सदन की टीम के खिलाडि़यों ने एक गोल कर डाला। इससे अशोक सदन के खिलाडि़यों का उत्साह बहुत बढ़ गया।
दोनों टीमों में बहुत उत्साह था। शिवाजी सदन ने गोल करने का बहुत प्रयत्न किया पर वह गोल न कर सका। इतने में निर्णायक ने सीटी बजाकर खेल रोकने का संकेत किया।
मध्यान्तर के बाद का मैच- मध्यान्तर समाप्त होते ही फिर मैच शुरू हो गया। दोनों टीमें इसी कोशिश में थीं किसी प्रकार एक गोल हो जाए। दर्शक भी तालियाँ बजा बजा कर खिलाडि़यों का उत्साह बढ़ाने में लगे थे। एक बाद फिर अशोक सदन की टीम के खिलाडि़यों ने गेंद का शिवाजी सदन के पाले में ले जाना शुरू किया। शिवाजी सदन के खिलाडि़यों ने गेंद को रोकने का बहुत प्रयत्न किया। पर वे सफल नहीं हो पाए। अशोक सदन के खिलाडि़यों ने एक और गोल कर दिया। इस प्रकार अशोक सदन ने शिवाजी सदन पर दो गोल कर दिए।
शिवाजी सदन का प्रयास- गोल होते ही अशोक सदन की टीम का उत्साह दुगुना हो गया। शिवाजी सदन की टीम में भी जोश आ गया। उन्होंने बहुत कोशिश की, पर वे सफल नहीं हुए। वे एक भी गोल नहीं कर सके।
मैच का अन्त- दोनों टीमें बहुत ही सावधानीपूर्वक पर उत्साह से मैच खेल रही थीं। उनका उत्साह देखते ही बनता था। पर समय बीतते देर नहीं लगती। मैच का भी समय समाप्त हो गया। निर्णायक ने लम्बी सीटी बजाकर मैच समाप्त करने की घोषणा की।
विजयी टीम को पुरस्कार- यह मैच अशोक सदन की टीम ने दो गोलों से जीत लिया। इससे टीम के सारे खिलाडि़यों में प्रसन्नता की लहर दिखाई दे रही थी। विजयी टीम के कैप्टन और सभी खिलाडि़यों को मुख्य अतिथि महोदय ने पुरस्कार बाँटें।
उपसंहार- इसमें कोई संदेह नहीं कि अशोक सदन की टीम विजयी रही। पर सभी ने दोनों टीमों की बहुत शंसा की। छोटे से विद्यालय की दो टीमें इतना अच्छा खेल दिखाने में सफल होंगी, इसकी आशा बहुत कम दर्शकों को थी।