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Samvad Lekhan बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पिता और पुत्री के बीच संवाद – संवाद लेखन

Badhati sadak durghatnao par chinta vyakt karte hue pita aur putra ke bich samvad – samavad lekhan

 

पिता –रीमा! शाम में तुम अपनी कोचिंग की कक्षा करने स्कूटी से जाती हो|

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रीमा – जी पिताजी!

पिता – बेटा! कल से तुम मेरे साथ जाओगी|

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रीमा – क्या हुआपिताजी! मैं स्कूटी से आराम से आ जा सकती हूं| आप क्यों परेशान होते हैं?

पिता – बेटा! सड़क दुर्घटनाएं देखकर, मुझे चिंता होती रहती है|

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रीमा – हां पिताजी! सड़क दुर्घटनाएँ दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं लेकिन हम इस प्रकार घर में बैठ जाएंगे तो क्या इससे सड़क दुर्घटनाएँ कम हो जाएंगी?

पिता – कम से कम, मेरी बेटी तो सुरक्षित रहेगी|

रीमा – पिताजी! जिनके साथ सड़क दुर्घटनाएं होती हैं,वे भी किसी न किसी के बच्चे ही हैं| हमें इस समस्या का समाधान सोचना होगा|यातायात के नियमों का पालन करना|

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पिता –सही कहती हो, यातायात के नियम तोड़ने वाले को कठोर दंड देना चाहिए|

रीमा – सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए, सरकार को यातायात के नियमों का पालन कठोरता से कराना होगा|

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