Rahim ke dohe in Hindi:
संसि की सीतल चादनी, सुंदर सबहिं सहाय।
लगे चोर चित्त में लटी, घटि रहीम मन आय।।
Sasi ki seetal chandni, sundar sabahin sahaay,
Lage chor chitt mein laṭi, ghaṭi Raheem man aay.
रहीम के दोहे का अर्थ:
यह मनुष्य की प्रवृत्ति है कि एक ही चीज किसी को भली लगती है तो दुसरे को बुरी। कभी-कभी तो कोई चीज सब की आंखों को भाती है, किंतु उसमें भी किसी प्रकार का दोष दीखे तो इसमें आश्चर्य नहीं करना चाहिए।
रहीम कहते हैं। रात को चतुर्दिक फैली हुई चंद्रमा को शीतल चांदनी किसका मन नहीं माह लेती, उसकी सुंदरता सबका सुहाती है। किंतु चार इस चांदनी से चिढ़ता है। उसके चित्त को यह बहुत बुरी लगती है। क्योंकि ऐसी चांदनी में वह सबकी नजरों में आ जाएगा और उसके लिए चोरी करना मुश्किल हो जाएगा। सब तो चाहते हैं कि चादनी की चमक में और अधिक वृद्धि हो, जबकि चोर के मन में बार-बार यही आता है कि इसकी चमक जल्दी-से-जल्दी घट जाए।
25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :
अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।
- Rahim ke dohe रहिमन तब तक ठाहरय, मानः मान सम्मान
- Rahim ke dohe संसि की सीतल चादनी, सुंदर सबहिं सहाय
- Rahim ke dohe रहिमन कबहुं बड़ेन के, नाहि गर्व को लेस
- Rahim ke dohe बढ़त रहीम धनाढ्य घन, घनी घनी को जाइ।
- Rahim ke dohe रहिमन एक दिन वे रहे, बाच न सोहत हार।
- Rahim ke dohe रहिमन तीन प्रकार ते, हित अनहित पहिचानि।
- Rahim ke dohe राम नाम जान्यो नहीं, भइ पूजा में हानि।
- Rahim ke dohe समय दसा कुल देखि कै, सबै करत सनमान।
- Rahim ke dohe रहिमन अपने गोत को, सबै चहत उत्साह।
- Rahim ke dohe रहिमन खोजै ऊख में, जहां रसन की खानि।
- Rahim ke dohe समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जाय।
- Rahim ke dohe बड़ माया को दोष यह, जो कबहूं घटि जाय।
- Rahim ke dohe बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
- Rahim ke dohe कदली, सीप, भुजंग-मुख, स्वाति एक गुन तीन।
- Rahim ke dohe रहिमन रीति सराहिए, जो घट गुन सम होय।
- Rahim ke dohe रहिमन यों सुख होत है, बढ़त देखि निज गोत।
- Rahim ke dohe रहिमन अब वे बिरछ कहं, जिनकी छांह गंभीर।
- Rahim ke dohe जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
- Rahim ke dohe रहिमन थोरे दिनन को, कौन करे मुंह स्याह।
- Rahim ke dohe रहिमन गली है सांकरी, दूजो ना ठहराहिं।
- Rahim ke dohe रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि।
- Rahim ke dohe रहिमन बहु भेषज करत, ब्याधि न छांड़त साथ।
- Rahim ke dohe रहिमन बहु भेषज करत, ब्याधि न छांड़त साथ।
- Rahim ke dohe बसि कुसंग चाहै कुसल, यह रहीम जिय सोस।
- Rahim ke dohe मान सहित विष खाय के, संभु भये जगदीस।