उपसर्ग और प्रत्यय कक्षा 9
शब्द रचना के क्रम में उपसर्ग और प्रत्यय का विशेष महत्व है। जिस प्रकार योगिक शब्द, शब्द निर्माण की प्रक्रिया में संलग्न है उसी प्रकार उपसर्ग और प्रत्यय द्वारा भी हम शब्दों की रचना करते हैं।
उपसर्ग –
उपसर्ग का निर्माण दो शब्दों के योग से हुआ है उप और सर्ग ।उप का अर्थ होता है आगे और सर्ग का अर्थ होता है जोड़ना । इस प्रकार वह शब्दांश जो किसी शब्द के साथ जुड़कर नये शब्द का निर्माण करता है उपसर्ग कहलाता हैं।
भारत में प्रचलित मुख्य भाषाओं के आधार पर उपसर्ग को चार भागों में वर्गीकृत किया गया है –
- संस्कृत के उपसर्ग
- हिंदी के उपसर्ग
- उर्दू के उपसर्ग ,और
- अंग्रेजी के उपसर्ग।
संस्कृत के उपसर्ग और उसके उदाहरण
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
अ – नहीं, अभाव – असल, अयोग्य,अक्षम,अलग
अधि – ऊपर, बड़ा – अधिग्रहण, अधिकांश, अधिक –
अनु – पीछे, समान – अनुशीलन अनुग्रहित, अनुराग
कु – बुरा – कुपरिणाम, कुसंगत, कुंठित,
नि – अभाव, भीतर – निरोग, निकास, निसंतान, निसंग
परि – आसपास, पूर्ण – परिहास, परित्याग, परिणाम
प्र – अधिक, आगे – प्रखर प्रशांत, प्रसिद्ध ज्ञान प्रकाश –
वि – उल्टा,अलग – विनिमय, विराग, विकास, विनाश
सु – अच्छा, अधिक – सुअवसर, सुखद, सुपरिणाम, सुहाना
हिंदी के उपसर्ग
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
स – सहित – सफल,सपाट, समान, सशक्त
वि – जुदाई – विश्राम विक्रेता विनय विवेचन विश्वास
भर – पूरा – भरपेट भरसक भरपूर भरनींदस –
बिन – निषेध – बिनब्याहा, बिनचाहा बिनदेखा
प्रति – ओर – प्रतिलिपि प्रतिकार प्रतिदिन प्रतिशत
दु – बुरा – दुलत्ती,दुराव,दुबला,
कु – बुरा – कुरंग, कुयोग, कुदृष्टि कुसंग
उ – अभाव – उलाहना, उधार, उदाहरण, उपेक्षा
आ – साथ – आहट आक्रमण आशंका आचरण
अध – आधा – अधमरा,अधखाया,अधनंगा
दु – बुरा – दुमुंहा, दुविधा, दुधारू दुलत्ती
सम – समान – समकालीन,समतल,समताप,
उर्दू के उपसर्ग
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
कम – थोड़ा – कमजोर, कमसिन, कमबख्त, कमजोर
खुश – अच्छा – खुशनुमा, खुशनसीब, खुशपल, खुश
ना – नहीं – नाइंसाफी, नाकामी, नादानी, नापाक
ब – के साथ – बदबू, बरस, बकौल, बरहम
बद – बुरा – बदनियत, बदकिस्मत, बदहजमी
बा – के साथ – बाअदब, बामुलाहिजा, बावास्ता, बावजूद
बे – अभाव – बेहाल, बेखटके, बेधड़क, बेआबरू, बेनामी
ला – नहीं – लामजहब, लाचार, लापता, लावारिस
अंग्रेजी के उपसर्ग
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
सब – आधीन – सब इंस्पेक्टर सब एरिया सब रजिस्ट्रार
डबल – दुगना – डबल रोटी डबल बेड डबल चांस
हाफ – आधा – हाफ सेंचुरी हाफ पैंट हाफ प्लेट
फुल – पूरा – फुल सेंचुरी फुल मसाज फुल पैंट
वॉइस – उप – वाइस चांसलर वाइस प्रेसिडेंट वाइस कैप्टन
प्रत्यय –
वे शब्दाश जो किसी शब्द के पीछे लग कर नवीन शब्द का निर्माण करते हैं प्रत्यय कहलाते हैं,जैसे , दम+दार=दमदार,कठिन+आई=कठिनाई।
प्रत्यय के भेद:
प्रत्यय के दो प्रकार होते हैं – कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय।
कृत प्रत्यय –
वे शब्दांश जो क्रिया के अंत में लगकर नवीन शब्द का निर्माण करते हैं वे कृत प्रत्यय कहलाते है। –
प्रत्यय – प्रत्यय युक्त शब्द
आ – कहा, बोला, पढ़ा, सोया
आई – उठवाई, गिरवाई, करवाई, बनवाई
आऊ – भड़काऊ, घुमाऊ, बनाऊ, गिराऊ
आया – चलाया, बढ़ाया, बुझाया, गिराया
आवट – गिरावट, बनावट, रुकावट
आहट – हिचकिचाहट, फड़फड़ाहट, फुसफुसहट, भिन्नभिन्नाहट
कर – खेलकर, पढ़कर, रोकर, जाकर
ता – घूमता, लिखता, पढ़ता, जाता, सोता
ना – झांकना, बांधना, ठहरना, करना, खेलना
तद्धित प्रत्यय-
वैसे शब्द जो संज्ञा सर्वनाम विशेषण इत्यादि के अंत में लगकर एक नवीन शब्द का निर्माण करते हैं उसे तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
प्रत्यय – प्रत्यय निर्मित शब्द
शाली – बलशाली, शक्तिशाली, भाग्यशाली, भानूशाली
वाला – कूड़ेवाला, गाड़ीवाला, पानीवाला, हलवावाला
वान – गाड़ीवान, नाशवान, बागवान, भागवान
ला – उथला, बहला, संभला, मंझला
मान – मेहरबान, मेजबान, मेहमान, प्रतिमान, सलमान
पूर्वक – सम्मानपूर्वक, विलासितापूर्वक, शांतिपूर्वक
पन – लड़कपन, बालपन, पचपन, बनावटीपन
ना – मानना, प्रताढना, घटना, भावना
न – सहन, भ्रमण, तर्पण, भरन, पोषण
दार – दिलदार, रवेदार, जोरदार, दीनदार
ता – अमरता, कटुता, प्रभुता, प्रखरता, ममता, रमता
तर – मेहतर, बदतर, लघुतर,
क – लेखक, जनक, पालक
ईय – ईश्वरीय, संपादकीय, नगरीय, वर्षीय
ईन – रंगीन, संगीत, गमगीन
ई – ऊंचाई, दक्षिणी, गहरी, हवाई, निजी, तैनाती
इत – चिंतित, चिन्हित, स्थापित, आलोकित, आकर्षित
इक – मानसिक, सांस्कृतिक, साप्ताहिक, औपचारिक
आई – रोशनाई, चिकनाई, गहराई, लंबाई, मोटाई
उपसर्ग और प्रत्यय मिश्रित शब्द-
कभी-कभी कुछ शब्दों में एक साथ उपसर्ग और प्रत्यय दोनों का प्रयोग किया जाता है, ऐसे शब्दों को उपसर्ग मिश्रित प्रत्यय युक्त शब्द कहा जा सकता है – उदाहरण के लिए:
उपसर्ग – उपसर्ग मिश्रित प्रत्यय युक्त शब्द – प्रत्यय
अ – अकुलीनता – ता
अ – अदैविक – इक
अ – अधार्मिकता – ता
अ – अनभिज्ञता – ता
अ – अप्रासंगिक – इक
अ – अभौतिक – इक
गैर – गैरराजनीतिज्ञ – ज्ञ
दुर् – दुराचारी – ई
पर – परतंत्रता – ता
प्रजा – प्रजातांत्रिक – इक
सम – समरसता – ता
सह – सहधर्मचारणी – ई
प्रत्यय और उपसर्ग से संबंधित विशेष तथ्य-
उपसर्ग और प्रत्यय के संबंध में मुख्य बात यह है कि जहां उपसर्ग शब्द के आगे लगकल शब्द के अर्थ में परिवर्तन लाता है वहीं प्रत्यय शब्द के पीछे लग कर नवीन शब्द निर्मित करता है।, इसके साथ ही उपसर्ग और प्रत्यय में तीन मुख्य समानता भी है, वह समानता यह है कि दोनों ही शब्दांश होते हैं। उपसर्ग और प्रत्यय का स्वंतंत्र प्रयोग नहीं हो सकता तथा ये किसी शब्द से जुड़कर ही एक नवीन शब्द का निर्माण करते हैं।
Katai jehar samjhaya hai aapne toh ab toh use padh kr hi pass hunga