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इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं- राम प्रसाद बिस्मिल शायरी

इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं- राम प्रसाद बिस्मिल शायरी इलाही ख़ैर! वो हरदम नई बेदाद करते हैं। हमें तोहमत लगाते [...]

ग़म-ब-दिल, शुक्र-ब-लब, मस्तो-ग़ज़लख़्वाँ चलिए – फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

ग़म-ब-दिल, शुक्र-ब-लब, मस्तो-ग़ज़लख़्वाँ चलिए – फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी ग़म-ब-दिल, शुक्र-ब-लब, मस्तो-ग़ज़लख़्वाँ चलिए जब तलक साथ तेरे उम्रे-गुरेज़ां चलिए रहमते-हक से जो इस [...]
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