नई दिल्ली : पठानकोट एयर फोर्स बेस पर आतंकी हमले के सिलसिले में नया खुलासा हुआ है। सूत्रों से पता चला है पठानकोट आतंकी हमले (Pathankot terrorist attack)में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादियों के आकाओं की पहचान हो चुकी है। इसमें जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Muhammad) के सरगना मौलाना अजहर मसूद (Azhar Masood), रऊफ अजहर और इनके दो साथी अशफाक और कासिम शामिल हैं जो आतंकवादियों को पाकिस्तान में बैठकर कंट्रोल कर रहे थे। आपको बता दें कि अजहर मसूद (Azhar Masood) वही आतंकवादी है जिसे अटल बिहारी वाजपेई की भाजपा सरकार के समय सन 1999 में हाइजैक हुए एक भारतीय हवाई जहाज को छुड़ाने के लिए भारतीय जेल से आजाद कर दिया गया था
पठानकोट हमले में शामिल आतंकवादियों के यह आका पाकिस्तान के बहावलपुर शहर से इन आतंकवादियों को आदेश दे रहे थे। आतंकवादी सैटेलाइट फोन के द्वारा इनसे लगातार संपर्क बनाए हुए थे. खबर के सामने आने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की मीटिंग के होने या न होने को लेकर सस्पेंस पैदा हो गया है क्योंकि भारत में इस आतंकवादी हमले को लेकर अपना रुख कड़ा कर लिया है। साथ ही भारत ने पाकिस्तान के ऊपर इन चारों के खिलाफ कारवाई करने का दबाव बढ़ा दिया है।
इसी दबाव का नतीजा है कि नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने पठानकोट हमले को लेकर कल एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी जिसमें विदेश मंत्री सरताज अजीज, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर नसीर जांजुआ, आर्मी चीफ राहिल शरीफ शामिल थे। यह भी बताया जा रहा है कि इसी बैठक के दौरान नवाज शरीफ (Nawaz Shareef) से आई एस आई चीफ से भी फोन पर बात की।
सन 1999 में रिहा होने के बाद अजहर मसूद (Azhar Masood) ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद नाम के आतंकवादी संगठन की स्थापना की। उस समय से ही अजहर मसूद (Azhar Masood) भारत में हुई अनेक आतंकवादी घटनाओं में शामिल रहा है और इस कारण से बाजपेई की भाजपा सरकार द्वारा आतंकवादियों को रिहा करने के फैसले की आलोचना होती रही है।
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गौर तलब है कि दिसंबर 1999 में 5 आतंकवादियों ने इंडियन एयरलाइंस के प्लेन को काठमांडू से हाइजैक कर लिया था जिसमें 178 यात्री सवार थे। हाइजैक के बाद प्लेन को अमृतसर, लाहौर दुबई के रास्ते अफ़गानिस्तान में कंधार ले जाया गया था। इस दौरान कुछ आतंकवादियों को दुबई में रिहा कर दिया गया था, लेकिन एक भारतीय अनुपम कत्याल को मर कर आतंकवादियों ने प्लेन से बाहर फेंक दिया था। 178 यात्रियों की जान के बदले भारत सरकार ने आतंकियों को रिहा करने का फैसला लिया था। इन तीन आतंकवादियों में मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर शेख, ये तीन आतंकी थे, जिन्हें कंधार छोड़कर आया गया था .