Advertisement

कैफी आज़मी Shayari in Hindi प्यार का जश्न नई तरह मनाना होगा

Kaifi Azmi shayari – Pyar ka jashan

प्यार का जश्न नई तरह मनाना होगा
ग़म किसी दिल में सही ग़म को मिटाना होगा

काँपते होंटों पे पैमान-ए-वफ़ा क्या कहना
तुझ को लाई है कहाँ लग़्ज़िश-ए-पा क्या कहना

Advertisement

मेरे घर में तिरे मुखड़े की ज़िया क्या कहना
आज हर घर का दिया मुझ को जलाना होगा

रूह चेहरों पे धुआँ देख के शरमाती है
झेंपी झेंपी सी मिरे लब पे हँसी आती है

Advertisement

तेरे मिलने की ख़ुशी दर्द बनी जाती है
हम को हँसना है तो औरों को हँसाना होगा

सोई सोई हुई आँखों में छलकते हुए जाम
खोई खोई हुई नज़रों में मोहब्बत का पयाम

Advertisement

लब शीरीं पे मिरी तिश्ना-लबी का इनआम
जाने इनआम मिलेगा कि चुराना होगा

मेरी गर्दन में तिरी सन्दली बाहोँ का ये हार
अभी आँसू थे इन आँखों में अभी इतना ख़ुमार

मैं न कहता था मिरे घर में भी आएगी बहार
शर्त इतनी थी कि पहले तुझे आना होगा

Advertisement

कैफी आज़मी के ये बेहतरीन 25 शेर आपके दिल को गहराइयों तक छू लेंगे

Kaifi Azmi Poetry – Pyar ka jashan

pyaar ka jashn nai tarah manaana hogaa
gm kisi dil men sahi gm ko mitaana hogaa

kaanpate honton pe paimaan-e-vafa kya kahanaa
tujh ko laai hai kahaan lagjish-e-pa kya kahanaa

mere ghar men tire mukhade ki jiya kya kahanaa
aaj har ghar ka diya mujh ko jalaana hogaa

rooh cheharon pe dhuaan dekh ke sharamaati hai
jhenpi jhenpi si mire lab pe hansi aati hai

tere milane ki khushi dard bani jaati hai
ham ko hansana hai to auron ko hansaana hogaa

soi soi hui aankhon men chhalakate hue jaam
khoi khoi hui najron men mohabbat ka payaam

Advertisement

lab shirin pe miri tishnaa-labi ka inaam
jaane inaam milega ki churaana hogaa

meri gardan men tiri sandali baahon ka ye haar
abhi aansoo the in aankhon men abhi itana khumaar

main n kahata tha mire ghar men bhi aaegi bahaar
shart itani thi ki pahale tujhe aana hogaa

Advertisement

Kaifi Azmi – Pyar ka jashan (in Urdu)

پْیارَ کا جَشْنَ ناِی تَرَہَ مَنانا ہوگا
غَمَ کِسِی دِلَ میں سَہِی غَمَ کو مِٹانا ہوگا

کاںپَتے ہوںٹوں پے پَیمانَ-اے-وَفا کْیا کَہَنا
تُجھَ کو لائی ہَے کَہاں لَغْزِشَ-اے-پا کْیا کَہَنا

میرے گھَرَ میں تِرے مُکھَڑے کِی زِیا کْیا کَہَنا
آجَ ہَرَ گھَرَ کا دِیا مُجھَ کو جَلانا ہوگا

رُوہَ چیہَروں پے دھُءآں دیکھَ کے شَرَماتِی ہَے
جھیںپِی جھیںپِی سِی مِرے لَبَ پے ہَںسِی آتِی ہَے

تیرے مِلَنے کِی خُشِی دَرْدَ بَنِی جاتِی ہَے
ہَمَ کو ہَںسَنا ہَے تو اَوروں کو ہَںسانا ہوگا

سوئی سوئی ہُئی آںکھوں میں چھَلَکَتے ہُئے جامَ
کھوئی کھوئی ہُئی نَزَروں میں موہَبَّتَ کا پَیامَ

لَبَ شِیرِیں پے مِرِی تِشْنا-لَبِی کا اِنَآمَ
جانے اِنَآمَ مِلیگا کِ چُرانا ہوگا

میرِی گَرْدَنَ میں تِرِی سَنْدَلِی باہوں کا یے ہارَ
اَبھِی آںسُو تھے اِنَ آںکھوں میں اَبھِی اِتَنا خُمارَ

مَیں نَ کَہَتا تھا مِرے گھَرَ میں بھِی آءایگِی بَہارَ
شَرْتَ اِتَنِی تھِی کِ پَہَلے تُجھے آنا ہوگا

Kaifi Azmi – Pyar ka jashan (in Punjabi)

ਪ੍ਯਾਰ ਕਾ ਜਸ਼੍ਨ ਨਈ ਤਰਹ ਮਨਾਨਾ ਹੋਗਾ
ਗਮ ਕਿਸੀ ਦਿਲ ਮੇੰ ਸਹੀ ਗਮ ਕੋ ਮਿਟਾਨਾ ਹੋਗਾ

ਕਾਪਤੇ ਹੋੰਟੋੰ ਪੇ ਪੈਮਾਨ-ਏ-ਵਫਾ ਕ੍ਯਾ ਕਹਨਾ
ਤੁਝ ਕੋ ਲਾਈ ਹੈ ਕਹਾ ਲਗ੍ਜਿਸ਼-ਏ-ਪਾ ਕ੍ਯਾ ਕਹਨਾ

ਮੇਰੇ ਘਰ ਮੇੰ ਤਿਰੇ ਮੁਖਡੇ ਕੀ ਜਿਯਾ ਕ੍ਯਾ ਕਹਨਾ
ਆਜ ਹਰ ਘਰ ਕਾ ਦਿਯਾ ਮੁਝ ਕੋ ਜਲਾਨਾ ਹੋਗਾ

ਰੂਹ ਚੇਹਰੋੰ ਪੇ ਧੁਆ ਦੇਖ ਕੇ ਸ਼ਰਮਾਤੀ ਹੈ
ਝੇੰਪੀ ਝੇੰਪੀ ਸੀ ਮਿਰੇ ਲਬ ਪੇ ਹਸੀ ਆਤੀ ਹੈ

ਤੇਰੇ ਮਿਲਨੇ ਕੀ ਖੁਸ਼ੀ ਦਰ੍ਦ ਬਨੀ ਜਾਤੀ ਹੈ
ਹਮ ਕੋ ਹਸਨਾ ਹੈ ਤੋ ਔਰੋੰ ਕੋ ਹਸਾਨਾ ਹੋਗਾ

ਸੋਈ ਸੋਈ ਹੁਈ ਆਖੋੰ ਮੇੰ ਛਲਕਤੇ ਹੁਏ ਜਾਮ
ਖੋਈ ਖੋਈ ਹੁਈ ਨਜਰੋੰ ਮੇੰ ਮੋਹਬ੍ਬਤ ਕਾ ਪਯਾਮ

ਲਬ ਸ਼ੀਰੀੰ ਪੇ ਮਿਰੀ ਤਿਸ਼੍ਨਾ-ਲਬੀ ਕਾ ਇਨਆਮ
ਜਾਨੇ ਇਨਆਮ ਮਿਲੇਗਾ ਕਿ ਚੁਰਾਨਾ ਹੋਗਾ

ਮੇਰੀ ਗਰ੍ਦਨ ਮੇੰ ਤਿਰੀ ਸਨ੍ਦਲੀ ਬਾਹੋ ਕਾ ਯੇ ਹਾਰ
ਅਭੀ ਆਸੂ ਥੇ ਇਨ ਆਖੋੰ ਮੇੰ ਅਭੀ ਇਤਨਾ ਖੁਮਾਰ

ਮੈੰ ਨ ਕਹਤਾ ਥਾ ਮਿਰੇ ਘਰ ਮੇੰ ਭੀ ਆਏਗੀ ਬਹਾਰ
ਸ਼ਰ੍ਤ ਇਤਨੀ ਥੀ ਕਿ ਪਹਲੇ ਤੁਝੇ ਆਨਾ ਹੋਗਾ

kaifi azmi poems in hindi
kaifi azmi poetry in urdu
kaifi azmi poems in english
kaifi azmi ghazal
kaifi azmi nazm
kaifi azmi sher
kaifi azmi ki shayari
shayari of kaifi azmi in hindi
kaifi azmi two line shayari
kaifi azmi best shayari
kaifi azmi shayari in urdu
kaifi azmi hindi shayari
shayari by kaifi azmi
shayari by kaifi azmi in hindi
kaifi azmi ki shayari in hindi

Advertisement

Leave a Reply