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जो तोकूँ कॉटा बुवै, ताहि बोय तू फूल – Kabir Ke Dohe

Kabir ke dohe in English

Sant Kabir ke Dohe, Kabir vani, Kabir Dohavali, Sant Kabir Das

जो तोकूँ कॉटा बुवै, ताहि बोय तू फूल।
तोकूँ फूल के फूल हैं, बाकूँ है तिरशूल ।।

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Jo tokun kanta buvai, Taahi boya tu ful
Tokun ful ke ful hain, Bakun hai tirshul

अर्थात (Meaning in Hindi): जो तुम्हारे लिए कांटा बोता है, उसके लिए तुम फूल बोओ अर्थात् जो तुम्हारी बुराई करता है तू उसकी भलाई कर। तुम्हें फूल बोने के कारण फूल मिलेंगे और जो कांटे बोता है उसे कांटे मिलेंगे तात्पर्य यह कि नेकी के बदले नेकी और बदी के बदले बदी ही मिलता है। यही प्रकृति का नियम है।

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जाति न पूछो साधु की, पूछि लीजिए ज्ञान।
मोल करो तलवार की, पड़ा रहन दो म्यान।।

Jaati na pucho sadhu ki, Puchi lijiye gyan
Mol karo talwar ki, Pada rahan do myan

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अर्थात (Meaning in Hindi): संतों की जाति न पूछो बल्कि उनसे ज्ञान पूछो। ज्ञान प्राप्त करने से ही तुम्हें लाभ है उसी प्रकार तलवार की कीमत पूछों, म्यान को पड़ी रहने दो। म्यान से तुम्हें क्या सरोकार?


कबिरा सोंता क्या करे, जागे जपो मुरार।
एक दिना है सोवना लाँबे पाँव पसार।।

Kabira sounta kya kare, Jaage japo murar
Ek din hai sovna laanbe paaon pasar

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अर्थात (Meaning in Hindi): कबीर दास जी स्वयं से कहते हैं कि तू सोने में समय को क्यों व्यर्थ गंवा रहा है। उठ और भगवान मुरारी के नाम का स्मरण कर तथा जीवन को सफल कर एक दिन इस नश्वर शरीर का त्याग करके पैर फैलाकर सोना ही है अर्थात् मृत्यु निश्चित है।


दुरबल को न सताइये, जाकी मोटी हाय।
मुई खाल की सांस से, सार भसम होई जाय।।

Durbal ko na sataiye, Jaaki moti haye
Muyi khal ki saans se, Saar bhasam hoyi jaye

अर्थात (Meaning in Hindi): दुर्बल को कभी नहीं सताओ अन्यथा उसकी हाय तुम्हें लग जायेगी। मरे हुए चमड़े की धौकनी से लोहा भी भस्म हो जाता है। अर्थात् दुर्बल को कभी शक्तिहीन मत समझो।


साधू ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय।
सार सार को गहि रहे, थोथा देय उड़ाय।।

Sadhu aisa chaiye, Jaisa soop subhaye
Saar saar ko gahi rahe, Thotha deya udaye

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अर्थात (Meaning in Hindi): साधू ऐसा होना चाहिए जैसे सूप का स्वभाव होता है। सूप अपने सद्गुणों से सार वस्तु को ग्रहण करके मिट्टी कंकड़ आदि दूर उड़ा देता है। उसी प्रकार साधुजन को चाहिए कि वे व्यर्थ की वस्तुओं को न ग्रहण करें।

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