जो पल में पल खोलिकै देखो, तो पाइतें बैठ्यो पलोटति पाइनि। में कौन सा अलंकार है?
jo pal mein pal khol ke dekho to painte bathyo palotati paini mein kaun sa alankar haiजो पल में पल खोलिकै देखो, तो पाइतें बैठ्यो पलोटति पाइनि।
प्रस्तुत पद में यमक अलंकार है क्योंकि इसमे पल शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है और दोनों ही बार उसका अलग अलग अर्थ प्रकट हो रहाहै। पहले पल का अर्थ क्षण से है और दूसरे पल का अर्थ पलकों से है।
प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:
इस पंक्ति में अभंग पद यमक अलंकार है क्योंकि इसमे शब्दों को ज्यों का त्यों प्रयोग किया गया है।
यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:
आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:
‘’ कनक तें से सौ गुना मादकता अधिकाई ‘’ इसमे कनक शब्द में यमक अलंकार है क्योंकि इस शब्द में दो अर्थ चिपके हुए है।
यमक अलंकार का अन्य उदाहरण है – रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सुन। पानी गए न उबरे बिन पानी सब सून। इस पंक्ति में पानी शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है, लेकिन अर्थ दोनों ही बार अलग अलग है।
काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –
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अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
- रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
- कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।। में कौन सा अलंकार है?