नई दिल्ली: 28 घंटे की लंबी उलटी गिनती के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्च पैड से भारत की अनमोल उपहार “दक्षिण एशिया सैटेलाइट” को सफलतापूर्वक शुरू किया है| इस प्रकार इसरो की उड़ान में एक और पंख जोड़ने के लिए वैज्ञानिको का शुक्रिया|
इसरो ने लांच किया अनमोल उपहार
ठीक 4.57 बजे आंध्र प्रदेश के अंतरिक्ष यान में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्च पैड से जीओसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हेकल (जीएसएलवी-एफ 0 9) को लांच किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित परियोजना, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के सभी देशों को लाभान्वित करना है| आठ सार्क देशों में से सात का उल्लेख है। पाकिस्तान इस सेटेलाइट से होने वाले लाभों से वंजित रहेगा|
उड़ान से कुछ मिनट पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर बधाई दी।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के रॉकेट जीएसएलवी-एफ 09 में दक्षिण एशिया के सैटेलाइट या जीएसएटी -9 की लागत करीब 235 करोड़ रुपये है| यह दक्षिण एशिया के देशों के बीच संचार और आपदा समर्थन और कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए है। इसका मिशन जीवन 12 वर्षों का होगा| पूर्व में इसका नाम ‘सार्क उपग्रह’ रखा गया था, जिसे बाद में ‘दक्षिण एशिया सैटेलाइट’ में बदल दिया गया| पाकिस्तान ने इसमें जुड़ने के लिए मना कर दिया, उसका कहना है कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है।