Home remedy Hindi Leukorrhea ल्यूकोरिया या सफ़ेद पानी का घरेलू इलाज
ल्यूकोरिया (Leukorrhea) या सफेद पानी आना महिलाओं में होने वाली कामन स्वास्थ्य की समस्या है. इसमें योनि से एक गाढ़ा सफेद रंग का तरल पदार्थ बाहर निकलता है. यह अक्सर एसटीडी या योनि के भीतर सूजन आने के कारण निकलता है जो कि योनि में होने वाले संक्रमण (इन्फेक्शन) के कारण एक सामान्य प्रतिक्रिया होती है. अक्सर यह एस्टरॉजन के बढ़ जाने के कारण भी होता है. आइये आपको ल्यूकोरिया या श्वेत प्रदर या सफ़ेद पानी के देसी इलाज यानी घरेलु नुस्खे बताते हैं (Home remedy Hindi Leukorrhea):
झरबेरी के बेर सुखा कर पीस कर उस चूर्ण को ३ या ४ ग्राम शहद मिलाकर हर रोज़ सवेरे और साँझ खाने से ल्यूकोरिया में राहत मिलती है
नागकेशर थोड़ी मात्रा लगभग ३ ग्राम को लस्सी के साथ पीने से सफ़ेद पानी आना बंद हो जाता है।
चीनी या शहद के साथ दो अच्छे पके हुए केले रोज़ खाने से श्वेत प्रदर में आराम मिलता है।
मुलहटी को पीस कर चूर्ण बनाकर हर रोज़ दोनों समय पानी के साथ लेने से ल्यूकोरिया की बीमारी ठीक हो जाती है।
गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को सुखाकर पीस कर चूर्ण बना ले और इसे दोनों समय दूध के साथ ले तो ल्यूकोरिया में आराम मिलता है।
शिरीष की छाल का चूर्ण हर रोज़ घी के साथ पीने से ल्यूकोरिया में आराम मिलता है।
जामुन की छाल का चूर्ण तीनो समय एक चम्मच पानी के साथ थोड़े दिन लेने से ल्यूकोरिया में लाभ मिलता है।
बड़ी इलायची का चूर्ण और माजूफल का चूर्ण बराबर मात्रा में मिश्री के चूर्ण के साथ मिलाकर २ ग्राम हर रोज़ दोनों समय पानी के साथ लेने से श्वेत प्रदर में लाभ मिलता है।
भुने चने पीस कर उन्हें देसी घी में अच्छी तरह भून ले और खंड मिलाकर खाज्जा तैयार कर ले और हर रोज़ गरम दूध के साथ खाने से ल्यूकोरिया और सफ़ेद पानी रोग में आराम मिलता है।
गाजर, टमाटर , पालक , और चुकंदर का रस हर रोज पीने से शवेत प्रदर में आराम मिलता है साथ ही पेट की सूजन भी दूर हो जाती है|
मेथी का हलवा या मेथी के लड्डू बना कर दोनों समय दूध के साथ खाने से ल्यूकोरिया का रोग नष्ट हो जाता है।
गूलर के पके फल खाने से भी इस रोग में आराम मिलता है।
गुलकंद खाने से भी इस बीमारी से निजात मिलती है परन्तु गुलकंद कई दिनों तक खाते रहना होगा।
इन सभी उपायों के अलावा आप निम्न दी गई औषधियों का भी प्रयोग कर सकते है , औषधि प्रयोग से पहले एक बार किसी अनुभवी चिकित्सक से जरूर संपर्क करे ,
सामग्री
वसन्तकुमारकर रस(vasantkumarkar rasa):- १ ग्राम
त्रिवंग भस्म (trivang bhasma) :- ५ ग्राम
अभ्रक भस्म (abhrak bhasma) :- ५ ग्राम
गिलोय सत(giloy sat) :- १०- ग्राम
मुक्ता पिष्टी (mukta pisti) :- ४ ग्राम
प्रवाल पिष्टी(praval pist) :- १० ग्राम
गोदन्ती भस्म (gowdanti bhasma) :- १० ग्राम
इन सभी चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधियों को आपस में मिलाकर मिश्रण बनाए | और इसे किसी डिब्बे में सुरक्षित रख दें | प्रतिदिन एक – एक पुड़ियाँ दिन में दो बार भोजन करने से आधा घंटा पहले खाएं | इन औषधियों को पानी के साथ शहद के साथ या गाय के दूध के साथ खाए |
सामग्री :-
स्त्री रसायन वटी(stri rasayan vati) :- ४० ग्राम
चन्द्रप्रभा वटी (chandraprabha vati):- ४० ग्राम
उपरोक्त आयुर्वेदिक औषधियों को मिलाकर इसकी एक – एक गोली दिन में दो बार खाना खाने के बाद हल्के गर्म पानी के साथ खाएं | श्वेत प्रदर की शिकायत दूर हो जायेगी | इसके आलावा पुष्यानुग चूर्ण की आधे चम्मच की मात्रा को खाना खाने से आधा घंटा पहले खाएं | बहुत फायदा मिलेगा |
सामग्री
पत्रांगसव (pantrangsava) :- ४५० मिलीलीटर
किसी भी अच्छी आयुर्वेदिक कंपनी से पत्रांगसव नामक औषधि खरीद लें | इस औषधि को चार चम्मच पानी में चार चम्मच औषधि मिलाकर पीये | श्वेत प्रदर का रोग दूर हो जाएगा|