हम सुनायें तो कहानी और है
हम सुनायें तो कहानी और है
यार लोगों की जुबानी और है
चारागर रोते हैं ताज़ा ज़ख्म को
दिल की बीमारी पुरानी और है
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जो कहा हमने वो मजमूँ और था
तर्जुमाँ की तर्जुमानी और है
है बिसाते-दिल लहू की एक बूंद
चश्मे-पुर-खूं की रवानी और है
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नामाबर को कुछ भी हम पैगाम दें
दास्ताँ उसने सुनानी और है
आबे-जमजम दोस्त लायें हैं अबस
हम जो पीते हैं वो पानी और है
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सब कयामत कामतों को देख लो
क्या मेरे जानाँ का सानी और है
अहले-दिल के अन्जुमन में आ कभी
उसकी दुनिया यार जानी और है
शाइरी करती है इक दुनिया फ़राज़
पर तेरी सादा बयानी और है
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(चश्मे-पुर-खूं=खून से भरी हुई आँख,
आबे-जमजम=मक्के का पवित्र पानी,
अबस=बेकार, सानी=बराबर,दूसरा, कामत=
लम्बे शरीर वाला)
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