चंगेज खान की जीवनी
चंगेज खान का असली नाम तेमुजिन था. वो एक महान मंगोल शासक थे जिसने मंगोल साम्राज्य की स्थापना की. चंगेज खान अपनी जबरदस्त संगठन शक्ति, अनुशासन, बर्बरता तथा आक्रामक साम्राज्य विस्तार के लिए इतिहास में प्रसिद्द हुए.
चंगेज खान को साइकोलोजिकल वारफेयर (दिमागी लगायी) में महारत हासिल थी. युद्ध से पहले ही दुश्मन को डरा कर उसके हौसले पस्त करने में चंगेज खान माहिर था. इसके साथ साथ उसकी घुड़सवारी और तीरंदाजी के किस्से भी बेहद मशहूर हैं.
चंगेज खान का बचपन बड़ी मुश्किलों से बीता. कबीलों की लड़ाई में उसके पिता की हत्या कर दी. बड़ी मुश्किल से उसने बचपन गुजारा और धीरे धीरे अपनी संगठन शक्ति के बल पर खानाबदोश समुदायों को एकत्रित कर के एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरा.
मंगोलिया से ले कर यूरोप तथा एशिया के कई हिस्सों पर उसने आक्रमण किया तथा वहां अपना साम्राज्य स्थापित किया. उसकी सेना बेहद बर्बर तरीके से रौंदते हुए आगे बढती थी. जिससे भयानक रक्तपात होता है. ऐसे अनुमान है कि चंगेज खान ने अपने जीवन काल में 4 करोड़ से अधिक हत्याएं करवायीं.
चंगेज खान की मृत्यु 1227 में हुई परन्तु इससे पहले उसने अगोदी खान को अपना वारिस घोषित कर दिया था.
इतिहास में चंगेज खान को अलग अलग आईने से देखा जाता है.कुछ लोगों के लिए वह बेहद क्रूर व्यक्ति था जिसने अनगिनत हत्याएं करवायीं तथा उसकी सेना ने अनगिनत महिलाओं से बलात्कार किये.
परन्तु वहीँ कुछ लोगों का कहना है कि चंगेज खान का कहर उन्ही देशो को झेलना पड़ता था जो उसके सामने झुकने से इनकार कर देते थे.
बहरहाल, पूरा विश्व चंगेज खान की संगठन शक्ति तथा उसकी होशियारी का लोहा मानता है. जिसके बल पर उसने विश्व के एक बड़े भूभाग पर लम्बे समय तक शासन किया. चंगेज खान की विस्तृत जीवनी
चंगेज खान से जुड़े रोचक तथ्य
- चंगेज खान के सबसे भरोसेमंद जनरल पहले उनके दुश्मन थे जिनको चंगेज खान ने पराजित किया था. भरोसेमंद होने पर उन्हें खान ने अपना जनरल नियुक्त कर दिया.
- अपने शाशनकाल में चंगेज खान ने 4 करोड़ से अधिक लोगों की हत्या की.
- चंगेज खान कैसा दिखता था इसका कोई प्रमाण नहीं है. किसी इतिहासकार के पास चंगेज खान की तस्वीर या पेंटिंग नहीं है.
- चंगेज खान का असल नाम तेमुजिन था. और वह मुस्लिम नहीं था. ‘खान’ शब्द एक परंपरागत शब्द था जिसका अर्थ होता है नेता.
चंगेज खान की सफलता का राज
चंगेज खान के बारे में यह बहुत प्रसिद्द है कि उसकी सेना का उद्देश्य सिर्फ विश्व को जीतना था. यदि कोई राजा चंगेज खान को टैक्स देने पर राजी हो जाता था तो उसे कुछ नहीं किया जाता है.
न सत्ता परिवर्तन, न मार काट, न धर्म/संस्कृति परिवर्तन. उसने सत्ता को धर्म से अलग रखा. धार्मिक नेताओं को सत्ता में कोई भागीदारी नहीं थी. हालाँकि धार्मिक नेताओं से किसी तरह का टैक्स भी नहीं लिया जाता था.
उसने अपने जीते गए प्रान्तों को अलग अलग पर भरोसेमंद लोगों को बाँट दिया और इस बार का पूरा ख़याल रखा गया कि सत्ता योग्यता तथा हुनर के आधार पर मिले, न कि रिश्ते नाते के आधार पर.
अनुशासन तथा योग्यता पर आधारित व्यवस्था ने चंगेज खान के साम्राज्य को नयी ऊँचाइयों तक पहुचाया.
चंगेज खान से जुडी रोचक कहानी
एक बार की बात है. ज़ुर्गादै नाम का एक तीरंदाज जो मंगोलों के खिलाफ लड़ाई में शामिल था. बैटल ऑफ़ थर्टीन साइड्स के दौरान ज़ुर्गादै ने एक तीर छोड़ा जो चंगेज खान की गर्दन पर लगा.
हालाँकि युद्ध को मंगोलों ने जीत लिया परन्तु चंगेज खान तीर के वार से घायल हो गया. युद्ध जीतने के बाद यह पुछा गया कि आखिर वो तीर किसने चलाया था, तब ज़ुर्गादै नाम का तीरंदाज खुद सामने आया और यह कबूल किया कि उसी के तीर से चंगेज खान घायल हुए.
आशा के अनुरूप ज़ुर्गादै को मौत की कठोर सजा सुनाई गयी. परन्तु चंगेज खान ज़ुर्गादै की इमानदारी से बड़े प्रभावित हुए. उन्होंने ज़ुर्गादै की मौत की सजा माफ़ कर दी और उसे अपनी फ़ौज में जेनरल का दर्जा दिया.
ज़ुर्गादै को उसने एक नया नाम दिया- जेबे जिसका अर्थ होता है तीर. बाद में ज़ुर्गादै मंगोल साम्राज्य के 4 प्रमुख जनरल में से एक हुए.
चंगेज खान के बारे में ऐसी कई कहानियां हैं जिससे यह साबित होता है कि चंगेज खान ने इमानदारी और निष्ठां को पुरस्कृत किया. भरोसेमंद लोगों की फ़ौज कड़ी कर के ही उसने विश्व के इतने बड़े हिस्से पर शासन किया.