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क्या आप जानते हैं हिन्दुस्तान में है एक ऐसा झील जहाँ पानी में लग जाती है आग!

दुनिया ऐसे कई जगह हैं जहाँ कुदरत के अजीबो-गरीब करिश्में देखने को मिल जाते हैं. भारत में एक ऐसा झील है जिसके बारे में जान कर आप हैरान रह जायेंगे. इस झील के पानी में आये दिन आग लग जाती है. बीते गुरुवार को यहां कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. गुरूवार शाम ये आग इतना बढ़ गया की अग्निशमन दल को इस पर काबू पाना पड़ा.

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लेकिन आपको बतादें कि ये कोई कुदरत का करिश्मा नहीं बल्कि ये आग झील में मौजूद प्रदुषण के कारण लगता है. बेलंदूर नाम का ये झील कर्णाटक के बंगलुरु में मौजूद है. गुरुवार शाम को इस झील से आग की लपटें इतनी ज्यादा मात्रा में उठने लगी कि स्थानीय अग्निशमक दल को बुलाना पड़ा. काफी मसक्कत के बाद आग पर काबू तो पा लिया गया. लेकिन झील में मौजूद प्रदुषण के कारण बार-बार लगने वाली ये आग चिंता का विषय है. प्रदुषण के कारण इस झील से झाग निकलते रहते हैं.

बेंगलुरु का बेलंदूर झील इस कारण से हमेशा चर्चे में रहता है. गुरुवार शाम को भी इस झील में शुरुआत में तो हलकी लपटें नजर आई लेकिन कुछ देर बाद ये लपटें इतनी बढ़ गई कि देखते ही देखते आसन धूएं से भर गया. बेलंदूर झील में भारी मात्रा में प्रदुषण के कारण झाग निकलता रहता है. इससे पहले भी इस झील में कई बार आग लग चुकी है. एक अधिकारी के मुताबिक आग पहले झील के पानी में रासायनिक प्रक्रिया के कारण लगी लेकिन आस-पास मौजूद सूखी पत्तियों के कारण इस आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. बेंगलुरु में इस तरह का ये अकेला झील नहीं है. इस झील से कुछ दूर वरतूर लेक है. यहाँ भी इसी तरह से झाग निकलता रहता है. कई बार तो यहाँ भी ऐसी आग कि लपटें देखी गई है.

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बार-बार हो रही इस तरह की घटना के बावजूद भी सरकार का ध्यान इस पर नहीं पड़ता है. ना तो इस पर काबू पाने के लिए यहाँ जरुरत के मुताबिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है. सरकार के अनदेखी के कारण शहर का गंदा पानी लगातार इस झील में जाता रहता है. जिसके कारण इसका प्रदुषण दिनो-दिन बढ़ता ही जा रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये आग पानी में बढ़ते प्रदुषण के वजह से लगता है.

बढ़ते अतिक्रमण के कारण इस झील का दायरा भी कम हो गया है. जो कि इस झील में बढ़ रही प्रदुषण की ख़ास वजह मान जा रहा है. बीते दिनों ग्रीन ट्रिब्यूनल ने झील की जमीन पर अतिक्रमण की वजह से शहर के दो बड़े बिल्डरों पर करीब 130 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. गौरतलब है कि बफरजोन का दायरा बढ़ाकर 75 फीट कर दिया गया था. बावजूद इसके अब तक बफरजोन को अब तक खाली नहीं कराया जा सका है. इस मुद्दे को लेकर सरकार के प्रयास भी निरासाजनक है. जानकारों का कहना है कि अगर इसे लेकर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है.

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