धनतेरस पूजा एवं खरीदारी का शुभ मुहूर्त(Dhanteras puja khareedari ka muhurt)
धनतेरस के मौके पर बाजार की रौनक देखते ही बनती है. लोग खूब खरीदारी के लिए बाहर निकलते हैं. इस दिन पीतल, सोना, चांदी आदि खरीदने की परंपरा है. रसोई के लिए भी कुछ न कुछ सामान जरूर लिया जाता है. गाड़ी, घर की डील भी की जाती है.
धनतेरस पर खरीददारी कब करें
इस दिन दोपहर 12 बजे से 1:30 तक पूजन करें. शाम के समय 4:00 बजे से 5:30 तक खरीदारी करें.
कैसे करें दीपदान – धनतेरस पर दीपदान का भी विशेष महत्व होता है. शाम को दीपदान जरूर करें. घर के मुख्य द्वार पर तिल के तेल का चारमुखी दीपक जलाएं. थाली में यमराज के लिए सफ़ेद बर्फी, तिल की रेवड़ी या तिल मुरमुरे के लडडू, एक केला और एक गिलास पानी रखें.
दीप जलाने का शुभ मुहूर्त:
यह शाम 5:30 से शाम 6:30 तक रहेगा.
इस दिन कुबेर, यम और धन्वंतरि का पूजन होता है. इसके जरिए धन, लंबी उम्र और सेहत की कामना की जाती है. ऐसे में धनतेरस के मौके पर कुछ खास चीजों को खरीदने का विधान है. कहते हैं कि इससे घर में धन वर्षा होती है.
धनरतेरस पर धन वर्षा हो, इसलिए ये 5 चीजें जरूर खरीदें –
– धन का वरदान पाने के लिए पानी का बर्तन खरीदें.
– कारोबार में उन्नति के लिए धातु का दीपक खरीदें.
– संतान से जुड़ी समस्या हो तो थाली या कटोरी खरीदें.
– अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए धातु की घंटी खरीदें.
– घर में सुख-शांति के लिए खाना पकाने का बर्तन खरीदें.
धनतेरस पर आपको इन चीजों को भी खरीदना चाहिए–
– इस दिन बर्तन, आभूषण, धनिया, गणेश-लक्ष्मी जी वाला चांदी का सिक्का खरीदें.
– इसके अलावा वाहन ,भूमि भवन ,इलेक्ट्रॉनिक आइटम कपड़े घरेलू सामान खरीद सकते हैं.
– बर्तन खरीदें तो इसे खाली घर ना लाएं. इसमें अनाज, मिठाई या मेवे भरकर लाएं.
– घर लाकर सामान पर गंगा जल छिड़कें. रोली लगाएं और कलावा बांध दें. दिपावली की पूजा में इनको पास रखें.
इन बातों को भी रखें ध्यान –
– पानी रखने के लिए धातु से बना कोई बर्तन खरीदें.
– गणेश और लक्ष्मी की अलग-अलग मूर्तियां खरीदें.
– खील-बताशे, मिट्टी के दीपक ज़रूर खरीदें.
– अंकों का बना हुआ धन का कोई यन्त्र भी खरीदें और धनतेरस के दिन इन सबकी पूजा करें.
धनतेरस के लिए याद रखने वाली बातें-
– दिवाली की सफाई धनतेरस के पहले ही कर ली जानी चाहिए.
– धनतेरस पर कुबेर के साथ धन्वंतरि की भी पूजा करें.
– इस दिन सोना, चांदी, पीतल या स्टील के सामान ही खरीदें.
– धनतेरस के दिन लोहे का सामान खरीदने से बचना चाहिए.
– दिवाली के लिए गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति भी इसी दिन खरीदें.
– धनतेरस के दिन जरूरतमंदों को दान करने से विशेष लाभ होता है.
धनतेरस कथा (Dhanteras Katha in Hindi)
कहा जाता है कि इसी दिन यमराज से राजा हिम के पुत्र की रक्षा उसकी पत्नी ने किया था, जिस कारण दीपावली से दो दिन पहले मनाए जाने वाले ऐश्वर्य का त्यौहार धनतेरस पर सायंकाल को यम देव के निमित्त दीपदान किया जाता है। इस दिन को यमदीप दान भी कहा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज के कोप से सुरक्षा मिलती है और पूरा परिवार स्वस्थ रहता है। इस दिन घरों को साफ-सफाई, लीप-पोत कर स्वच्छ और पवित्र बनाया जाता है और फिर शाम के समय रंगोली बना दीपक जलाकर धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी का आवाहन किया जाता है।