नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद से सरकार के नए नए नियम सामने आ रहे हैं. इनमें से कुछ का मकसद नोटबंदी के बाद पैदा हुई किल्लत से निबटना है तो कुछ का मकसद भविष्य में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है. सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए छोटे कारोबारियों को टैक्स में छूट देने का एलान किया है। अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि छोटे कारोबारियों के लिए 2 करोड़ के टर्नओवर पर प्रॉफिट 8% यानी 16 लाख रुपए माना जाता है। अगर कोई कारोबारी डिजिटल ट्रांजैक्शन में बिजनेस करेगा तो उसके लिए यह लिमिट घटाकर 6% यानी 12 लाख रुपए मानी जाएगी। इस तरह डिजिटल ट्रांजैक्शन करने पर उसे कम टैक्स देना पड़ेगा। जेटली ने यह भी कहा कि अगर आपके पास पुराने नोट हैं तो उसे 30 दिसंबर तक एक बार में जमा करें। बार-बार जमा करेंगे तो शक पैदा होगा। इस बीच, आरबीआई ने साफ किया है कि अगर कोई 500 और 1000 के 2005 से पहले जारी हुए नोट जमा कराने आता है तो उसे मंजूर करें। डिजिटल ट्रांजैक्शन पर 2% का फायदा होगा…
भारतीय वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि संशोधन के मुताबिक, “अगर छोटे कारोबारी और कंपनियां अपना कैश ट्रांजैक्शन डिजिटल मोड या चेक से करते हैं तो इन्हें इनकम पर टैक्स की छूट मिलेगी। उनकी इनकम 2% कम मानी जाएगी। इससे उन्हें टैक्स में फायदा होगा।”
सेंट्रल बोर्ड फॉर डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने आज कहा कि इनकम टैक्स एक्ट-1961 के सेक्शन 44AD के तहत 2 करोड़ के टर्नओवर में इनकम या प्रॉफिट को 8% माने जाने के आदेश में संशोधन किया गया है। डिजिटल मोड से ट्रांजैक्शन होने पर इसे 6% ही माना जाएगा। बता दें कि यह फायदा उन छोटे कारोबारियों को मिलेगा जो अपने हर दिन के बिजनेस का हिसाब नहीं रखते। लिहाजा, ये मान लिया जाता है कि अगर वे सालभर में 2 करोड़ का टर्नओवर करेंगे तो इससे उनकी कमाई 16 लाख रुपए होगी।
नोटबंदी के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा की 30 दिसंबर के बाद कोई करेंसी की कोई किल्लत नहीं रहेगी. जेटली ने कहा कि नोटबंदी से पहले 23 लाख करोड़ रुपए के नोट छापे गए थे। नोटबंदी के वक्त 23 लाख करोड़ रुपए की करंसी बाजार में थी। 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने से 15 लाख 44 हजार करोड़ रुपए की करंसी चलन से बाहर हुई। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई दिन नहीं रहा जब आरबीआई ने पर्याप्त कैश बैंकों तक नहीं पहुंचाया हो। आरबीआई के पास पर्याप्त कैश मौजूद है जिसकी सप्लाई में 30 दिसंबर के बाद भी कमी नहीं आएगी। जेटली ने कहा, “जितने नोट प्रिंट किए गए, जरूरी नहीं कि सभी सर्कुलेशन में आ गए हों। कुछ आरबीआई के करंसी चेस्ट में भी हैं। इसलिए अनुमान ना लगाए जाएं।”
लगातार सामने आते जा रहे काले धन के मामलों में बैंक अधिकारियों की लिप्तता के बारे में बात करते हुए जेटली ने कहा कि पहले से सख्ती बरती जा रही है। उन्होंने कहा, “बैंकों ने शनिवार-रविवार काम किया। भीड़ को हैंडल किया। कुछ मामले सामने आए, जिनकी जांच सीबीआई, ईडी जैसी एजेंसियां कर रही हैं।”
श्री जेटली ने बताया कि “जिस एक्सिस बैंक पर सबसे ज्यादा सवाल उठे हैं, उसने भी ऐसे इम्प्लॉइज पर कार्रवाई की है, जिनकी गड़बड़ियों का पता जांच एजेंसियां भी नहीं लगा पाई थीं। बैंकों का टॉप मैनेजमेंट अपने इम्प्लॉइज पर नजर रख रहा है।”
फाइनेंस मिनिस्ट्री के एलान के बाद रिजर्व बैंक की ओर से सोमवार को नोटिफिकेशन जारी किया गया। सोमवार से ही यह फैसला लागू हो गया है।
अलग-अलग किस्तों में जमा कराई गई रकम का कुल अमाउंट जैसे ही 5 हजार से ज्यादा होगा, उस खाते में 30 दिसंबर तक आगे कोई रकम जमा नहीं कराई जा सकेगी।
इस कंडीशन में भी 5000 की लिमिट क्रॉस होने पर दो बैंक अधिकारियों की मौजूदगी में जमा करने वाले से पूछताछ होगी।
इस पूछताछ की रिकॉर्डिंग रखी जाएगी, जिसे ऑडिट ट्रायल के दौरान पेश किया जा सकेगा।
5000 रुपए या इससे कम रकम जमा कराने पर कोई पूछताछ नहीं हाेगी।
आरबीआई ने यह लिमिट तय नहीं की है। बस इतना है कि यह एक बार में ही जमा होगी।
अगर आप 5000 रुपए से ज्यादा की रकम दो अलग-अलग अकाउंट में जमा करते हैं तो आपसे पूछताछ नहीं होगी।
नोटिफिकेशन के मुताबिक, दूसरे के खाते में पुराने नोट जमा कराने के लिए अकाउंट होल्डर को लिखित में देना होगा।
जो लोग थोड़ा-थोड़ा जमा करके ब्लैकमनी को व्हाइट करने में लगे थे, वे अब ऐसा नहीं कर पाएंगे।
आप प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाय) 2016 के तहत कितनी भी रकम डिक्लेयर कर सकते हैं।