
3. सबसे बड़ा गुरुमंत्र – किसी को भी अपने गुप्त राज मत बताओ. ये आपको तबाह कर देगा.
4. किसी भी मित्रता में कोई न कोई स्वार्थ छुपा है. स्वार्थहीन मित्रता एक मिथक है.
5. तीन चीज़ों पर दुनिया चलती है. अन्न, जल तथा मधुर वाणी.
6. भय जैसे ही समीप आए, उसपर वार करो और उसका विनाश करो.
7. जब तक आपने मन में दृढ निश्चय नहीं किया, आप प्रतियोगिता में नहीं हो.
8. सर्प यदि विषहीन भी है तो भी इसे विषैला होने का स्वांग करना चाहिए.
9. दूसरों की गलतियों से सीखें. आप पूरे जीवन भर अपनी गलतियों से नहीं सीख सकते.
10. अत्यधिक ईमानदार होना भी ठीक नहीं. याद रखो, सीधे खड़े वृक्षों को सबसे पहले काटा जाता है.