नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के आवास पर एक राजधानी में एफआईपीबी मंजूरी के संबंध में राष्ट्रीय राजधानी और चेन्नई में छापा मारा। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह छापे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और गुरुग्राम में मारे गए है।
रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2008 में आईएनएक्स मीडिया को दिए गए कल्याण के संबंध में चिदंबरम के विभिन्न घरों पर छापेमारी की| जब वह मनमोहन सिंह सरकार में वित्त मंत्री थे। दिलचस्प है कि पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने 50 प्रतिशत आईएनएक्स मीडिया को नियंत्रित किया हुआ था। चिदंबरम के घर शहर चेन्नई में कम से कम 14 स्थानों की जांच सीबीआई ने की।
सरकार अपने इस कार्य से मुझे चुप करवाना चाहती है- पी चिदंबरम
एजेंसी ने हाल ही में एक कंपनी को दिए गए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी के बारे में एक मामला दर्ज किया था| जिसमें आरोप लगाया गया था कि जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे, तब उन्होंने अपने पद का दुरप्रयोग किया। छापे पर टिप्पणी करते हुए चिदंबरम ने कहा, आपको अपने सीबीआई दोस्तों को बुला लिया जाना चाहिए था| क्या मुझे लिखना बंद कर देना चाहिए?” (सरकार के खिलाफ)। उन्होंने कहा एफआईपीबी की हर प्रक्रिया नियम के मुताबिक हुई है| इसमें किसी अधिकारी या मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं मिलेगा| बीजेपी सरकार सीबीआई और एजेंसियों का दुरप्रयोग कर रही है|