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आचार्य चाणक्य ने कहा है कि अगर करेंगे यह काम तो एक दिन भी नहीं रुकेगी लक्ष्मी आपके घर !

अन्यायोपार्जितं वित्तं दशवर्षाणि तिष्ठति । प्राप्ते चैकादशे वर्षे समूलं तद् विनश्यति॥ लक्ष्मी वैसे ही चंचल होती है परन्तु चोरी, जुआ, अन्याय और धोखा [...]

क्या आपको पता है कि बुद्धिमान को ज्ञान देने से क्या होता है? नहीं पता तो पढ़िए चाणक्य नीति में क्या लिखा है

Chanakya Neeti – Buddhi par Chanakya ke anmol vichar (Chanakya’s quote on Wisdom) बुद्धिर्यस्य बलं तस्य निर्बुद्धेस्तु कुतो बलम्। वने सिंहो मदोन्मत्तः शशकेन [...]

किससे प्रेम करना चाहिए ? जानिये चाणक्य सूत्र से Chanakya’s quote on Love in Hindi

Chanakya Neeti – Prem par Chanakya ke anmol vichar Advertisement यस्य स्नेहो भयं तस्य स्नेहो दुःखस्य भाजनम्। स्नेहमूलानि दुःखानि तानि त्यक्तवा वसेत्सुखम्॥ जिस [...]

चाणक्य नीति – मीठी बोली पर चाणक्य के अनमोल विचार Chanakya’s quote on sweet talk in Hindi

Chanakya Neeti – meetha bolne par Chanakya ke anmol vichar तावन्मौनेन नीयन्ते कोकिलश्चैव वासराः । यावत्सर्वं जनानन्ददायिनी वाङ्न प्रवर्तते॥ कोयल तब तक मौन [...]

पशु-पक्षियों से कौन सी बातें सीखनी चाहिए ? चाणक्य के 16 अनमोल सूत्र

Chanakya Neeti – Pashu-pakshi par Chanakya ke anmol vichar (Chanakya’s quote on Animals) Advertisement तावन्मौनेन नीयन्ते कोकिलश्चैव वासराः । यावत्सर्वं जनानन्ददायिनी वाङ्न प्रवर्तते॥ [...]

भाग्य रंक को राजा और राजा को रंक बना देता है – चाणक्य नीति

आयुः कर्म वित्तञ्च विद्या निधनमेव च। पञ्चैतानि हि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः॥ आयु, कर्म, धन , विद्या, निधन ये पांचों चीजें प्राणी के भाग्य [...]

मृत्यु के बाद कौन होता है मनुष्य का मित्र – जानिये चाणक्य ने क्या कहा है?

त्यजेद्धर्म दयाहीनं विद्याहीनं गुरुं त्यजेत्। त्यजेत्क्रोधमुखी भार्या निःस्नेहान्बान्धवांस्यजेत्॥ धर्म में यदि दया न हो तो उसे त्याग देना चाहिए । विद्याहीन गुरु को, [...]

चाणक्य नीति – त्याग पर चाणक्य के अनमोल विचार Chanakya’s Quote on Giving in Hindi

  उपार्जितानां वित्तानां त्याग एव हि रक्षणम्। तडागोदरसंस्थानां परिदाह इदाम्मससाम्॥ तालाब के जल को स्वच्छ रखने के लिए उसका बहते रहना आवश्यक है [...]

भय का सामना कैसे करें- जानिए चाणक्य से

तावद् भयेषु भेतव्यं यावद्भयमनागतम्। आगतं तु भयं दृष्टवा प्रहर्तव्यमशङ्कया॥ आपत्तियों और संकटों से तभी तक डरना चाहिए जब तक वे दूर हैं, परन्तु [...]
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