कविताएँ

हिन्दी कविता, Hindi Kavita

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निगाहें

निगाहें तेरी बेगानी थी, नज़रें मैं मिलाया करता था संवरते थे तुम औरों के लिए, आईना मैं दिखाया करता था ना जाने कब [...]

MAA

माँ तुम धरा हो ,छु न सके कोई वो आसमाँ हो। माँ तुम ममता से प्यार का जहाँ हों। माँ तुम सबसे अलग [...]
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