रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi 2020-05-172020-05-21RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय । हीरा जन्म अमोल सा, कोड़ी बदले [...]
ऊँचे कुल का जनमिया, करनी ऊँची न होय संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi 2020-05-172020-05-21RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi ऊँचे कुल का जनमिया, करनी ऊँची न होय । सुवर्ण कलश सुरा भरा, साधू [...]
आये है तो जायेंगे, राजा रंक फ़कीर संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi 2020-05-172020-05-21RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi आये है तो जायेंगे, राजा रंक फ़कीर । इक सिंहासन चढी चले, इक बंधे [...]
कुटिल वचन सबसे बुरा, जा से होत न चार संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi 2020-05-172020-05-21RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi कुटिल वचन सबसे बुरा, जा से होत न चार । साधू वचन जल रूप [...]
ज्ञान रतन का जतन कर, माटी का संसार संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi 2020-05-172020-05-21RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi ज्ञान रतन का जतन कर, माटी का संसार । हाय कबीरा फिर गया, फीका [...]
माखी गुड में गडी रहे, पंख रहे लिपटाए संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi 2020-05-172020-05-21RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi माखी गुड में गडी रहे, पंख रहे लिपटाए । हाथ मेल और सर धुनें, [...]
साईं इतना दीजिये, जामे कुटुंब समाये संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi 2020-05-172020-05-21RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi साईं इतना दीजिये, जामे कुटुंब समाये ।मैं भी भूखा न रहूँ, साधू न भूखा [...]
शीलवंत सबसे बड़ा सब रतनन की खान संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi 2020-05-172020-05-21RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi शीलवंत सबसे बड़ा सब रतनन की खान । तीन लोक की सम्पदा, रही शील [...]
राम बुलावा भेजिया, दिया कबीरा रोय संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi 2020-05-172020-05-21RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi राम बुलावा भेजिया, दिया कबीरा रोय । जो सुख साधू संग में, सो बैकुंठ [...]
पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोय संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi 2020-05-172020-05-21RituV Comment ढाई आखर प्रेम का संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोय । [...]