Kabir ke dohe जिही जिवरी से जाग बँधा, तु जनी बँधे कबीर संत कबीर के दोहे 2020-05-202020-06-09RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi जिही जिवरी से जाग बँधा, तु जनी बँधे कबीर।जासी आटा लौन ज्यों, सों समान [...]
Kabir ke dohe जीवत कोय समुझै नहीं, मुवा न कह संदेश संत कबीर के दोहे 2020-05-202020-06-08RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi जीवत कोय समुझै नहीं, मुवा न कह संदेश। तन – मन से परिचय नहीं, [...]
Kabir ke dohe बनिजारे के बैल ज्यों, भरमि फिर्यो चहुँदेश संत कबीर के दोहे 2020-05-202020-06-08RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi बनिजारे के बैल ज्यों, भरमि फिर्यो चहुँदेश। खाँड़ लादी भुस खात है, बिन सतगुरु [...]
Kabir ke dohe मन राजा नायक भया, टाँडा लादा जाय संत कबीर के दोहे 2020-05-202020-06-08RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi मन राजा नायक भया, टाँडा लादा जाय। है है है है है रही, पूँजी [...]
Kabir ke dohe बार-बार तोसों कहा, सुन रे मनुवा नीच संत कबीर के दोहे 2020-05-202020-06-08RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi बार-बार तोसों कहा, सुन रे मनुवा नीच। बनजारे का बैल ज्यों, पैडा माही मीच। [...]
Kabir ke dohe बन्दे तू कर बन्दगी, तो पावै दीदार संत कबीर के दोहे 2020-05-202020-06-08RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi बन्दे तू कर बन्दगी, तो पावै दीदार। औसर मानुष जन्म का, बहुरि न बारम्बार। [...]
Kabir ke dohe बहते को मत बहन दो, कर गहि एचहु ठौर संत कबीर के दोहे 2020-05-202020-06-08RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi बहते को मत बहन दो, कर गहि एचहु ठौर। कह्यो सुन्यो मानै नहीं, शब्द [...]
Kabir ke dohe गारी ही से उपजै, कलह कष्ट औ मीच संत कबीर के दोहे 2020-05-202020-06-08RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi गारी ही से उपजै, कलह कष्ट औ मीच। हारि चले सो सन्त है, लागि [...]
Kabir ke dohe कबीर संगी साधु का, दल आया भरपूर संत कबीर के दोहे 2020-05-202020-06-08RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi कबीर संगी साधु का, दल आया भरपूर। इन्द्रिन को तब बाँधीया, या तन किया [...]
Kabir ke dohe इष्ट मिले अरु मन मिले, मिले सकल रस रीति संत कबीर के दोहे 2020-05-202020-06-08RituV Comment संत कबीर के दोहे Kabir ke dohe in Hindi इष्ट मिले अरु मन मिले, मिले सकल रस रीति। कहैं कबीर तहँ जाइये, यह [...]