Rahim ke dohe रहिमन तब तक ठाहरय, मानः मान सम्मान 2020-11-252020-11-25Manjit Singh Comment Rahim ke dohe in Hindi: रहिमन तब तक ठाहरय, मानः मान सम्मान। घटन मान देखिय जाबहि। तुरतहि करिय पयान।। Rahiman tab tak thaahry, [...]
Rahim ke dohe संसि की सीतल चादनी, सुंदर सबहिं सहाय 2020-11-252020-11-25Manjit Singh Comment Rahim ke dohe in Hindi: संसि की सीतल चादनी, सुंदर सबहिं सहाय। लगे चोर चित्त में लटी, घटि रहीम मन आय।।Sasi ki seetal [...]
Rahim ke dohe रहिमन कबहुं बड़ेन के, नाहि गर्व को लेस 2020-11-252020-11-25Manjit Singh Comment Rahim ke dohe in Hindi: रहिमन कबहुं बड़ेन के, नाहि गर्व को लेस भार घर संसार को, तक कहावत सेस।। Rahiman kabahun baden ke, [...]
Rahim ke dohe बढ़त रहीम धनाढ्य घन, घनी घनी को जाइ। 2020-11-252020-11-25Manjit Singh Comment Rahim ke dohe in Hindi: बढ़त रहीम धनाढ्य घन, घनी घनी को जाइ। घटै बढे वाको कहा, भीख मांगि जो खाइ।। Badhat Rahim [...]
Rahim ke dohe रहिमन एक दिन वे रहे, बाच न सोहत हार। 2020-11-252020-11-25Manjit Singh Comment Rahim ke dohe in Hindi: रहिमन एक दिन वे रहे, बाच न सोहत हार। वायु जो ऐसी बह गई, बीचन परे पहार।। Eahiman [...]
Rahim ke dohe रहिमन तीन प्रकार ते, हित अनहित पहिचानि। 2020-11-252020-11-25Manjit Singh Comment Rahim ke dohe in Hindi: रहिमन तीन प्रकार ते, हित अनहित पहिचानि। पर बस परे परोस बस, परे मामिला जानि।। Rahiman teen prakar [...]
Rahim ke dohe राम नाम जान्यो नहीं, भइ पूजा में हानि। 2020-11-252020-11-25Manjit Singh Comment Rahim ke dohe in Hindi: राम नाम जान्यो नहीं, भइ पूजा में हानि। कहि रहीम क्यों मानिहैं, जम के किंकर कानि।। Ram nam [...]
Rahim ke dohe समय दसा कुल देखि कै, सबै करत सनमान। 2020-11-252020-11-25Manjit Singh Comment Rahim ke dohe in Hindi: समय दसा कुल देखि कै, सबै करत सनमान। रहिमन दीन अनाथ को, तुम बिन को भगवान।। Samay sadaa [...]
Rahim ke dohe रहिमन अपने गोत को, सबै चहत उत्साह। 2020-11-252020-11-25Manjit Singh Comment Rahim ke dohe in Hindi: रहिमन अपने गोत को, सबै चहत उत्साह। मृग उछरत आकाश को, भूमी खनत बराह।। Rahiman apne got ko, [...]
Rahim ke dohe रहिमन खोजै ऊख में, जहां रसन की खानि। 2020-11-252020-11-25Manjit Singh Comment Rahim ke dohe in Hindi: रहिमन खोजै ऊख में, जहां रसन की खानि। जहां गांठ तहं रस नहीं, यही प्रीति में हानि।। Rahiman [...]