एक बकरा-बकरी के चार बच्चे थे। उनका नाम था बोनी, टोनी, पिंकी और मिंकी।
एक बार एक बकरा-बकरी जब चरने के लिए जाने लगे तो बकरे ने अपने बच्चों से कहा कि जब वह शाम को वापस आएं और जब मैं ऐसे कहूं- ”बोनी, टोनी, पिंकी, मिंकी! दरवाजा खोलो। मैं तुम्हारे लिए भोजन लाया हूं। तभी दरवाजा खोलना।“ यह कहकर वह किसी हरे-भरे जंगल में चले गए।
एक भेड़िया वहीं कहीं पास ही छुपा हुआ सारी बातें सुन रहा था। वह तुरंत दरवाजे पर गया और बकरे की आवाज की नकल करता हुआ बोला- ”बोनी, टोनी, पिंकी, मिंकी! दरवाजा खोलो। मैं तुम्हारे लिए भोजन लाया हूं।“
एक बच्चे को भेड़िये की खरखराती आवाज सुनकर शक हो गया। उसने खिड़की से झांककर देखा। बाहर भेड़िया खड़ा था। उसने भेड़िये से कहा – ”काफी अच्छी नकल उतारी है तुमने हमारे पिता की। मगर तुम दाढ़ी लगाना भूल गए। तुम्हें मालूम नहीं कि बकरे की दाढ़ी भी होती है। अगली बार दाढ़ी लगाकर आना। मैं दरवाजा खोल दूंगा।“
जब भेड़िये को अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह चुपचाप वहां से चला गया।
निष्कर्ष- नकल के लिए अक्ल का इस्तेमाल करो।