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बिनु गुन माल, उर धरी है गोपाल लाल, आँखे लाल-लाल कौंन लेखे लेखियत है। में कौन सा अलंकार है?

बिनु गुन माल, उर धरी है गोपाल लाल, आँखे लाल-लाल कौंन लेखे लेखियत है। में कौन सा अलंकार है?

bin gub mal ur dhari hai gopal lal ankhe lal lal kaun lakhiyat hai mein kaun sa alankar hai

बिनु गुन माल, उर धरी है गोपाल लाल, आँखे लाल-लाल कौंन लेखे लेखियत है।

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प्रस्तुत पद में यमक अलंकार है। यमक अलंकार में शब्द की आवृति होती है और हर बार उसके अर्थ भिन्न भिन्न होते है। इसमे लाल शब्द की आवृति हुई है जिसमें पहले शब्द का अर्थ पुत्र से है तो दूसरे शब्द का अर्थ लाल रंग से है।

प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:

इस पंक्ति अभंग पद यमक अलंकार है क्योंकि इसमें शब्दों को वैसे ही रखा गया है।

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यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:

आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:

-‘’ lलहर लहर के यदि चूमे तो उदास मत होना ‘’ इस पंक्ति में यमक अलंकार है क्योंकि इसमे लहर शब्द की आवृति हुई है और उसके दो अर्थ है।

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मालाफेरत जग मुआ मिटा न मन का फेर। कर का मनका छोड़ के मन का मनका फेर.। इस पंक्ति में मनका शब्द की आवृति हुई है और दोनों बार अलग अलग अर्थमें प्रयुक्त हुआ है। अतः; यह यमक अलंकार का उदाहरण है।

काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –

अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:

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अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण 

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