शिक्षाप्रद बाल कथा – सात मूर्ख, Shikshaprad bal katha – 7 murkh 2016-04-142017-05-23Ritu Shikshaprad bal katha – 7 murkh एक किसान के सात पुत्र थे। सभी अव्वल दर्जे के मूर्ख, धूर्त एवं आलसी थे। कोई भी [...]
प्रेरक कथा -हीरे की कीमत, Prerak katha – Heere ki keemat 2016-04-142017-12-23Ritu मणिपुर में इंद्रसेन जौहरी का बड़ा नाम था। उसकी एक सुंदर कन्या थी। नाम था नीलम। कई युवक नीलम से विवाह करना चाहते [...]
बच्चों की शिक्षाप्रद कहानी – कहानी बात का घाव – Shikshaprad kahani 2016-04-142017-05-23Ritu Bachchon ki Shikshaprad kahani – Bat ka ghav बहुत पुरानी बात है, एक लकड़हारे और शेर में गहरी मित्रता थी। दोनों का मन [...]
घर में पूजन कक्ष में क्या-क्या न रखें? – Puja ghar mein kya nahin rakhna chahiye? 2016-04-142016-04-14Ritu Puja ghar mein kya nahin rakhna chahiye? सभी के घरों में भगवान के लिए भी यथाशक्ति अलग घर या मंदिर अवश्य होता है। [...]
क्यों गणपति को विसर्जित करते हैं जल में? 2016-04-142016-04-10Ritu Ganpati ko jal (Pani) mein visarjit kyon karte hain? सभी देवी देवताओं में अग्र पूज्य गणपति को ही माना गया है। हर मंगल [...]
त्यौहार पर रंगोली का महत्व – Dwar par Rangoli kyon banate hain? 2016-04-14Ritu Dwar par Rangoli kyon banate hain? त्योहारों पर, विशेष अवसरों पर या किसी उत्सव में घर के द्वार पर रंगोली सजाने की परंपरा [...]
मां दुर्गा का वाहन सिंह क्यों? – Maa Durga ka vahan Sher kyon hai? 2016-04-142016-04-14Ritu Maa Durga ka vahan Sher kyon hai? भक्तों की रक्षा के लिए दुष्टों का संहार करने वाली मां दुर्गा को हम सिंह पर [...]
मंदिरों में ताली क्यों बजाते हैं? – Mandiron mein tali kyon bajate hain? 2016-04-142016-04-14Ritu Mandiron mein tali bajane ki parampara सामान्यतः हम किसी भी मंदिर में आरती के समय सभी को ताली बजाते देखते हैं और खुद [...]
क्यों बनाते हैं स्वस्तिक? 2016-04-14Ritu Shubh avsar par Swastika kyon banate hain? किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में या सामान्यतः किसी भी पूजा अर्चना में हम दीवार, थाली या [...]
दुकानों पर क्यों टांगते हैं नींबू-मिर्च? 2016-04-142016-04-14Ritu Dukanon par nimbu-mirchi kyon tangte hain? हम अक्सर देखते हैं कि दुकानों और बड़े व्यापारिक प्रतिश्ठानों पर व्यापारी नींबू – मिर्च टांगकर रखते [...]