अब्राहम लिंकन का नाम आज कौन नहीं जानता? अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का नाम विश्व के सबसे महान राजनेताओं में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. अब्राहम लिंकन को अमेरिका में दास प्रथा का अंत करने का श्रेय प्राप्त है जिसके बाद अमेरिका में श्वेत और अश्वेत नागरिकों को सामान अधिकार प्राप्त हुए.
अब्राहम लिंकन का जीवन संघर्ष की एक जीती जागती मिसाल है. उन्होंने अनेकों बार असफलता का मुंह देखा किन्तु कभी हार नहीं मानी और अंतत: महानता के शिखर तक पहुंचे. आइये आप लिए अब्राहम लिंकन के कुछ चुने हुए प्रेरणाप्रद वचन प्रस्तुत करते हैं:
अब्राहम लिंकन के अनमोल विचार
जीवन में सफल होने का इरादा किसी भी अन्य इरादे से ज्यादा महत्वपूर्ण है.
अगर कुत्ते की पूँछ को पैर कहें, तो कुत्ते के कितने पैर हुए? चार. पूछ को पैर कहने से वो पैर नहीं हो जाती.
अगर शान्ति चाहते हैं तो लोकप्रियता से बचिए .
आपका मित्र वो है जिसके शत्रु वही हैं जो आपके शत्रु हैं .
औरत ही एक मात्र प्राणी है जिससे मैं ये जानते हुए भी कि वो मुझे चोट नहीं पहुंचाएगी, डरता हूँ .
किसी वृक्ष को काटने के लिए आप मुझे छ: घंटे दीजिये और मैं पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा .
प्रजातंत्र लोगों की, लोगों के द्वारा, लोगों के लिए बनायी गयी सरकार है .
मैं जो भी हूँ, या होने की आशा करता हूँ, उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है .
यदि आप एक बार अपने साथी नागरिकों का भरोसा तोड़ दें, तो आप फिर कभी उनका सत्कार और सम्मान नहीं पा सकेंगे.
शत्रुओं को मित्र बना कर क्या मैं उन्हें नष्ट नहीं कर रहा हूँ?
साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं. यही वजह है कि भगवान ऐसे लोगों का निर्माण बड़ी संख्या में करते हैं.
मैं धीरे जरूर चलता हूँ लेकिन कभी पीछे नहीं मुड़ता