लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में सभी के लिए विवाह पंजीकरण अनिवार्य बनाने का फैसला किया है – एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया। महिला कल्याण विभाग द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है| इसे अगले सत्र में राज्य मंत्रिमंडल के सामने लाया जा सकता है। इसका लगभग पूरा खाका तैयार कर लिया गया है|
प्रस्ताव के ज्ञान के सूत्रों के अनुसार योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार ने विवाह के अनिवार्य पंजीकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुसलमानों सहित प्रस्ताव में सभी को शामिल करने का फैसला किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के शासन के दौरान मंत्रियों की एक समिति बनाई गई थी| लेकिन इसका मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया था। समाजवादी पार्टी की सरकार ने मुसलमानों को बाहर करने का भी फैसला किया था| लेकिन नियम पुस्तिका कभी जारी ही नहीं हुई थी।
उत्तर प्रदेश में सभी धर्मो को अनिवार्य होगा विवाह पंजीकृत
जो जोड़े पंजीकृत नहीं हैं वे सरकारी योजनाओं से लाभ से वंचित रहेंगे, सूत्रों ने कहा। हिमाचल प्रदेश, केरल, बिहार, राजस्थान जैसे कई राज्य पहले ही शादी पंजीकरण अनिवार्य बना चुके हैं। नियम का पालन न करने के लिए दंड भी हैं| योगी सरकार उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण अनिवार्य करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर रही है| एक अधिकारी ने मिडिया को बताया| योगी सरकार इसमें सभी धर्मो और जाति के लोगो को शामिल किया जायेगा| पिछली समाजवादी सरकार ने मुसलमानो के विरोध के चलते उन्हें इसमें से रखने का फैसला लिया था| लेकिन मौजूदा योगी सरकार ने इसमें किसी भी धर्म या जाति को बहार नहीं रखा है|