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ज्योतिष शास्त्रों में बताये गए हैं चंद्र-ग्रहण से बचाव के ये उपाय

Jyotish Shashtron Mein Bataye Gaye Hain Chandra-Grahan Se Bachav Ke Ye Upaye

सामान्यतौर पर माना जाता है कि ग्रहण का प्रभाव केवल गर्भवती स्त्री और उसके बच्चे पर ही पड़ता है लेकिन यह पूरा सत्य नहीं है। क्योंकि कहीं ना कहीं ग्रहण अपना प्रभाव दिखाकर ही जाता है।

ग्रहण का अर्थ ही नकारात्मक हालातों को दर्शाता है इसलिए इसके दुष्प्रभावों की अनदेखी नहीं की जा सकती। बेहतर है पहले से ही कुछ उपाय कर लिए जाए जो ग्रहण की रश्मियों को हमारे ऊपर हावी ना होने दें।

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ज्योतिष शास्त्रियों का कहना है कि चंद्र ग्रहण क प्रभाव 108 दिनों तक रहता है, इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि चंद्र ग्रहण के दौरान जाप किया जाए।Jyotish Shashtron Mein Bataye Gaye Hain Chandra-Grahan Se Bachav Ke Ye Upaye

आपने देखा होगा कि जैसे ही ग्रहण खुलता है वैसे ही लोग दान करते हैं, शास्त्रों में ऐसा करना बहुत जरूरी और लाभदायक करार दिया गया है।

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चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र देव पीड़ित होते हैं, उनका मंत्र जाप करने से उन्हें राहत महसूस होती हैं और वे जातक पर बुरा प्रभाव नहीं डालते।

मत्स्य पुराण में इस बात का उल्लेख किया गया है कि चंद्र ग्रहण के दौरान सफेद चंदन और सफेद फूलों से चंद्र देव की आराधना भी करनी चाहिए।

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“ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नम:” अथवा “ॐ सों सोमाय नम:” का जाप करना अच्छे परिणाम देता है। ये वैदिक मंत्र हैं, इस मंत्र का जाप जितनी श्रद्धा से किया जाएगा यह उतना ही फलदायक होगा।

चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। इस पूरे काल के दौरान जाप, मंत्रोच्चारण, पूजा-पाठ और दान तो फलदायी होता ही है लेकिन धर्म सिंधु के अनुसार ग्रहण मोक्ष के उपरांत हवन करना, स्नान, स्वर्ण दान, तुला दान, गौ दान भी श्रेयस्कर है।

ग्रहण के दौरान पूरी तन्मयता और संयम से मंत्र जाप करना विशेष फल पहुंचाता है। इस दौरान अर्जित किया गया पुण्य अक्षय होता है। कहा जाता है इस दौरान किया गया जाप और दान, सालभर में किए गए दान और जाप के बराबर होता है।

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