Kya Hai Jyotish Ki Nazar Mein Kapdon Ka Hamare Upar Padne Wala Prabhav
हमारे कर्म ही हमें डुबोते हैं, यह तो आपने सुना ही होगा। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इस कथन की उदाहरण सहित व्याख्या की गई है। ब्रह्मांड में मौजूद ग्रह जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। यदि हम अच्छे एवं ग्रहों की स्थिति के अनुसार सही कर्म करेंगे, तो जीवन सफल राह पर चलता जाएगा।
लेकिन हमारे द्वारा ग्रहों की उपेक्षा करके किए गए विपरीत कर्म, हमें अंधकार में ले जाएंगे। यह बातें बताने के पीछे हमारा उद्देश्य है आपको एक जरूरी बात से अवगत कराना। ज्योतिष के अनुसार वस्त्रों का हमारे ऊपर खास प्रभाव होता है। ज्योतिषीय रूप से हम कैसे वस्त्र पहनते हैं, यह हमारे आने वाले कल को प्रभावित करता है।
यदि हम नए एवं साफ वस्त्र पहनते हैं तो वे वस्त्र हमारे लिए शुभ सिद्ध होते हैं। लेकिन गंदे एवं फटे हुए कपड़े अशुभ हैं, जानना चाहेंगे कैसे?
ज्योतिष अध्ययनों के अनुसार कोई भी वस्त्र जो बुनकर बनाया जाता है, उसके धागों पर बुध ग्रह अपना अधिपत्य रखता है। वह धागे जब एकत्रित करके बुने जाते हैं एवं आखिरकार जब उनसे एक वस्त्र तैयार किया जाता है तब वो वस्त्र शुक्र की श्रेणी में आ जाता है।
इसके बाद उस वस्त्र को पहनने लायक बनाने के लिए जब हम सिलाई के लिए उसे उपयोग में लाने हेतु काटते हैं, तो उस पर मंगल ग्रह का प्रतीक लिए कैंची का उपयोग किया जाता है। उसे नाप देकर चन्द्र रूपी धागे से सिला जाता है। अंत में यह वस्त्र जब पहनने योग्य हो जाता है तो वो शनि का रूप धारण कर लेता है।
परंतु जो वस्त्र नए तथा बिना धुले हुए अर्थात कोरे हों उन्हें पहनकर हम शनि, मंगल, बुध, शुक्र और शनि से संबंधित समस्याओं को अपने ऊपर ले लेते हैं क्योंकि कपड़ों को सिलते समय सुई का इस्तेमाल होता है जो शनि के समान हैं इसी कारण कपड़े जब तक धुलते नहीं हैं वो कीलक की श्रेणी में आ जाते हैं। इसी कारण नए बिना धुले कपड़ों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
इसलिए कपड़े वही पहनें तो साफ हों एवं कहीं से फटे ना हों। तभी आपको उनके माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होगी।