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चरण-कमल बन्दौं हरिराई में कौनसा अलंकार है?

चरण-कमल बन्दौं हरिराई में कौनसा अलंकार है?

चरण-कमल बन्दौं हरिराई में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।

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चरण-कमल बन्दौं हरिराई में रूपक अलंकार है। इस काव्य अंश में प्रभु के चरणों को कमल के समान सुंदर और मनोहर बताया गया है। प्रभु के चरणों पर उपमान कमल को आरोपित किया गया है। विभिन्नता न होने से उपमेय ने उपमान का रूप ले लिया है।

दूसरे शब्दों में यह कह सकते है कि कवि यह कहना चाहते है कि प्रभु के चरण कमल का ध्यान करे जो अत्यंत सुखदाई है। यहाँ कमल और चरण में कोई भेद नहीं है इसलिए रुपक अलंकार है।

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इस उदाहरण में जहां जहां पर उपमेय और उपमान आए हैं, वो हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए नीचे लिख दिये हैं:-

उपमेय-उपमान

चरण-कमल

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जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है।

अथवा जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक अलंकार अर्थालंकार का एक प्रकार है।

चरण-कमल बन्दौं हरिराई में रूपक अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।

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चरण-कमल बन्दौं हरिराई पंक्तियों में रूपक अलंकार के अलावा और कौन सा अलंकार उपस्थित है?

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