उपसर्ग और प्रत्यय कक्षा 8
संसार की समस्त भाषाओं में नित्य नवीन शब्दों का निर्माण होता रहता है। शब्द निर्माण की ऐसी ही एक कल्पना उपसर्ग और प्रत्यय की है ,जैसे मूल शब्द के आगे और पीछे शब्दांश जोड़कर नए शब्द का निर्माण ।
उपसर्ग-
उपसर्ग में हम किसी मूल शब्द के आगे शब्दांश जोड़कर नए शब्द का निर्माण करते हैं । उपसर्ग शब्द का निर्माण उप और सर्ग के मिलने से हुआ है ।उप का अर्थ जहां आगे होता है वही सर्ग का मतलब होता है, जोड़ना इस प्रकार उपसर्ग की सबसे अर्थवान परिभाषा हुई,” उपसर्ग वह शब्दांश है जो किसी शब्द के आगे लगकर नए नए शब्दों का निर्माण करता है।”
जैसे,बे+रहम =बेरहम,। प्रति+निधि=प्रति निधि,सम+योग=संयोग ।
उपसर्ग के भेद एवं उसके उदाहरण :
भारत में प्राचीन काल में संस्कृत भाषा बोली जाती थी और विभिन्न भाषाओं के क्रमिक विकास के बाद हिंदी भाषा मुख्य भाषा बनी । इसके साथ ही विदेशी भाषाओं के सहयोग के कारण अंग्रेजी और अरबी फारसी भाषा भी भारत में लोकप्रिय हुई। इस आधार पर उपसर्ग को निम्नलिखित चार भागों में बांटा गया है-
- हिंदी के उपसर्ग
- संस्कृत के उपसर्ग
- अंग्रेजी के उपसर्ग
- अरबी फारसी के उपसर्ग
हिंदी के उपसर्ग
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
अति – अधिक – अतिरिक्त, अतिशय, अतिशयोक्ति
अनु – पीछे – अनुभव, अनुसार,अनुचर, अनुग्रह
अभि – सामने – अभिगमन, अभिनेत्री, अभियान
आ – तक,समेत – आकार, आसन्न, आगामी
उत् – ऊपर, श्रेष्ठ – उत्कर्ष, उत्कृष्ट, उत्थान,
निस् – रहित – निस्वार्थ, निष्कर्ष निष्पक्ष
नि – नीचे – निकृष्ट,निकाय, निचले
परि – चारों ओर – परिस्थिति, परिवार, परिहास
संस्कृत के उपसर्ग
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
अ /अव – रहित – अनाम, अपार, अवधारणा, अवशेष
औ – हीनता – औघट,औरस, औघड़ औषध
नि – रहित – निवास,निकास,निपात, निरोग
से – सहित – सफल,सकल,सहज,
अध – आधा – अधपका,अधकचरा, अधखुला
कु – बुरा – कुचक्र, कुकर्म, कुफ्र,कुफ्र
सु – अच्छा – सुकृति,सुकृत्य, सुपुत्र, सुरक्षा
वि – जुदाई – विकास, विरोध,वियोग, विनिमय
उर्दू के उपसर्ग
हम – साथ में – हमसफ़र, हमशक्ल, हमदर्द
हर – प्रत्येक – हरअजीज , हरवक्त, हरदम
गैर – बिना – गैरपारंपरिक गैर सरकारी गैर मुमकिन
खुश – अच्छा – खुशफहमी, खुशदिल, खुशमिजाज
ला – बिना – लानत, लाचार, लाइलाज
अंग्रेजी के उपसर्ग
उपसर्ग – अर्थ – उपसर्ग युक्त शब्द
चीफ – मुख्य – चीफ जस्टिस, चीफ़ गेस्ट
डिप्टी – उप – डिप्टी कमिश्नर डिप्टी कलेक्टर
सब – अधिन – सब औरडिनेट,सब कास्ट
वाइस – उप – वाइस प्रेसिडेंट वाइस चेयरमैन
प्रत्यय-
प्रति और अवयव के मिलने से बना शब्द प्रत्यय- कहलाता है। वह शब्दांश जो किसी शब्द के पीछे लग कर एक नए शब्द का निर्माण करता है प्रत्यय कहलाता है। जैसे पूजा में पा लगता है तो पुजापा बन जाता है।
प्रत्यय के मुख्यत दो प्रकार होते हैं – कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय ।
कृत प्रत्यय –
वैसे शब्दांश जो किसी क्रिया के पीछे लग कर नये शब्द का निर्माण करते हैं,कृत प्रत्यय कहलाते हैं।कृत का अर्थ होता है क्रिया, क्रिया के अंत में लगने वाले प्रत्यय कृत प्रत्यय कहलाते हैं। निम्न उदाहरणों से इसे स्पष्ट किया गया है।
प्रत्यय – प्रत्यय निर्मित शब्द
अक्कड़ – बुझक्कड, टक्कर, घुमक्कड़
आई – लड़ाई, पढ़ाई, लिखाई, बुनाई
आ – बढ़ा,चढ़ा,बहा, सुना
आवट – मिलावट,लिखावट,बसावट, बनावट
आहट – फुसफुसाहट,मरमराहट, घबराहट। छटपटाहट
आया – बनाया, सुनाया, बहलाया, खिलाया
आक – छपाक,तपाक,चटाक, मजाक
आऊ – लडाऊ,गिराऊ,बुझाऊ,घुमाऊ
तद्धित प्रत्यय –
संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के पीछे लग कर नये शब्द का निर्माण करने वाले शब्दांश तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
प्रत्यय निर्मित शब्द के साथ प्रत्यय के उदाहरण
प्रत्यय – प्रत्यय निर्मित शब्द
आ – ठंडा,ठगा,थका,पका,
आस – सहास,मिठास,खटास,झकास
आहट – गर्माहट, भिनभिनाहट, छटपटाहट
आवट – सजावट, थकावट,
ईला – चमकीला, रंगीला,दमकीला,
ता – प्रभुता, शत्रुता, प्रखरता, सौम्यता
इक – दैनिक, दैहिक, दैविक, भौतिक,
इत – कुंठित, शोषित, शापित, अभिशप्त
इमा – गरिमा, लघिमा
नाक – खतरनाक, दर्दनाक
दान – दीपदान, अंगदान, पिंडदान
कार – कलाकार चित्रकार पत्रकार, कुंभकार
दार – ईमानदार,बरखुदार, तहसीलदार,नायबदार
प्रत्यय और उपसर्ग का एक साथ प्रयोग –
वैसे तो प्रत्यय उपसर्ग का अलग-अलग प्रयोग होता है परंतु कुछ शब्द ऐसे भी हैं जिसमें एक ही साथ उपसर्ग और प्रत्यय दोनों का प्रयोग किया जाता है जैसे-
उपसर्ग – मूलशब्द – प्रत्यय – प्रत्ययउपसर्ग युक्त शब्द
प्रजा – तंत्र – इक – प्रजातांत्रिक
राज – नीति – इक – राजनीतिक
कु – संस्कार – ई – कुसंस्कारी
अ – निश्चित – ता – अनिश्चितता
नेक – नियत – इ – नेकनियति
बे – कार – ई – बेकारी –
उपसर्ग और प्रत्यय संबंधी विशेष बात:
उपसर्ग और प्रत्यय के संबंध में विशेष बात यह है कि उपसर्ग शब्दों के आगे लगता है प्रत्यय पीछे। उपसर्ग और प्रत्यय दोनों ही शब्दांश हैं पूर्ण शब्द नहीं ।उपसर्ग और प्रत्यय दोनों का स्वतंत्र कोई अर्थ नहीं होता ।शब्दों से जुड़कर ही ये शब्द निर्माण की प्रक्रिया को परिवरधित करते हैं।